होला मोहल्ला का प्रथम चरण सम्पन्न

punjabkesari.in Wednesday, Feb 28, 2018 - 09:50 AM (IST)

दूसरे चरण का आगाज श्री आनंदपुर साहिब में आज
रूपनगर/कीरतपुर साहिब, (विजय/बाली): खालसाई शानो-शौकत का प्रतीक राष्ट्रीय पर्व होला मोहल्ला का प्रथम चरण श्री कीरतपुर साहिब में हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हो गया जबकि दूसरे चरण का आगाज श्री आनंदपुर साहिब में बुधवार को किया जाएगा।

 

खालसा पंथ की चढ़दी कला का प्रतीक राष्ट्रीय पर्व होला मोहल्ला के प्रथम चरण के तहत समापन दौरान गुरुद्वारा पतालपुरी साहिब में रखे गए श्री अखंड पाठ साहिब जी की संपूर्णता के भोग डाले गए। इस मौके पर तख्त श्री केसगढ़ साहिब के हैड ग्रंथी ज्ञानी फूला सिंह ने अरदास की। 

 

इस मौके पर तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघवीर सिंह, भाई अमरजीत सिंह, रणजीत सिंह, भाई निर्मल सिंह, अमरजीत सिंह जिंदवड़ी उप-प्रबंधक गुरुद्वारा पतालपुरी साहिब, सतनाम सिंह रियाड़, भूपेन्द्र सिंह बजरूढ़ एवं अन्य विशेष रूप से मौजूद थे। 

 

बेशक मेले का प्रथम चरण श्री कीरतपुर साहिब में समाप्त हो गया पर श्री आनंदपुर साहिब में कल से दूसरे चरण का आगाज किया जाएगा। मेले के दौरान यहां संगत श्री आनंदपुर साहिब के साथ-साथ श्री कीरतपुर साहिब के गुरुधामों के दर्शन कर स्वयं को धन्य मानती है।


धार्मिक दीवानों में संगत ने लगवाई हाजिरी
आज श्री कीरतपुर साहिब में मेले के तीसरे व अंतिम दिन संगत ने गुरुद्वारा पतालपुरी साहिब, गुरुद्वारा बाबा गुरदित्ता जी, गदरगाह पीर बाबा बुड्ढण शाह, डेरा बाबा श्रीचंद जी, गुरुद्वारा चरण कंवल साहिब, गुरुद्वारा शीश महल साहिब आदि में माथा टेका तथा गुरुद्वारा पतालपुरी साहिब के सरोवर तथा अस्थिघाट में स्नान किया।


संगत गुरुद्वारा पतालपुरी साहिब व गुरुद्वारा चरण कंवल में सजाए गए धार्मिक दीवानों में बैठ कर जहां अपनी हाजिरी लगवाती है, वहीं पंजाब के विभिन्न स्थानों से पहुंचे ढाडी जत्थे वीर रस का संचार व सिख इतिहास के साथ संगत को जोड़ने का कार्य करते हैं।

 

होला मोहल्ला खालसे की चढ़दी कला का प्रतीक: लौंगोवाल
होला मोहल्ला के पावन अवसर पर अमृतसर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान भाई गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने कहा कि राष्ट्रीय पर्व होला मोहल्ला खालसा पंथ की चढ़दी कला का प्रतीक है। दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना कर समाज में फैले अंधेरे को दूर किया तथा होली को होला मोहल्ला का नया स्वरूप देकर सिख पंथ में मिसाल पैदा की व खालसा फौज को जंगी खेलों के साथ जोड़ा। 

 

दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह द्वारा चलाई गई इस परंपरा तहत लाखों की संख्या में श्रद्धालु श्री आनंदपुर साहिब पहुंच रहे हैं और बड़े उत्साह के साथ इस पर्व को मना रहे हैं। प्रधान लौंगोवाल ने सिख श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि दशमेश पिता के सच्चे सुपुत्र बनते हुए उनके दिखाए हुए मार्ग पर चलें और अपना जीवन सफल बनाएं।


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