प्रथम रूप-मैया शैलपुत्री ‘‘स्वर्ग-सा सुंदर मंदिर मां तेरा...’’

Sunday, Sep 29, 2019 - 10:46 AM (IST)

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आज से शारदीय नवरात्रि का पर्व शुरू हो चुका है। बता दें कि नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप की पूजा की जाती है। कहते हैं कि नवरात्रि के पूरे 9 दिन ही मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। मां का आशीर्वाद पाने के लिए लोग अपने घरों में कलश स्थापना करके मां की अखंड ज्योति भी जलाते हैं। चलिए आगे जानते हैं मां शैलपुत्री की स्तुति-

ऊंचे पर्वतों पर मंदिर मां तेरा,
ठंडी शीतल हवाएं जहां चलें!
मैया शैलपुत्री के दर, भक्तों को,
पूर्ण मन की मुराद मिले!!
ऊंचे पर्वतों पर.....मन की मुराद मिले!!

लिया जन्म शैलराज के घर तूने,
घोर तपस्या से शिव को पाया!
संदेश दिया सारे जहां को तप का!
घर-घर ज्ञान ये पहुंचाया!!
नंदी बैल पर करे सवारी तू,
लुभावना, साकार तेरा स्वरूप!
चमके तन की आभा ऐसे,
ज्यों भौर सुहानी की खिली धूप!!

त्रिशूल, कमल पुष्प हाथों में विराजे,
जगमग चरणों में जोत जले!
ऊंचे पर्वतों पर...मन की मुराद मिले!!

शंकरी, योगिनी, मां कृपालिणी,
तेरे हर रूप में व्यापक शक्ति!
हो जाए सफल जीवन ये सारा!
मिल जाए चरणों की भक्ति!!
ब्रह्मा, विष्णु, महेश तेरे दर पे,
करें महके-महके फूलों की बरखा!
स्वर्ग-सा सुंदर मंदिर मां तेरा,
तू हमारी मां सबकी सखा!!

मिल जाए हर पापों से मुक्ति,
हर विपदा पल भर में टले!
ऊंचे पर्वतों पर...मन की मुराद मिले!!
आदि अनंत शक्ति की स्वामी,
करे आरती नित महिमा जो गाए!
पाए परिवार संग खुशियां सारी!
सुबह-शाम तुझको ध्याए!!

कहें ‘‘झिलमिल’’ अंबालवी कविराय,
लौ चरणों में हमारी लगा दो!
सुख, शांति, चैन, सकूं प्यार का,
सारे जग को ताज पहना दो!!
भेदभाव, नफरत हो कोसों दूर,
हों अंदाज चेहरों के खिले-खिले!
ऊंचे पर्वतों पर...मन की मुराद मिले!!

Lata

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