पंचम रूप-मैया स्कन्दमाता ‘‘प्यार का अनमोल खजाना तू’’

Thursday, Oct 03, 2019 - 08:56 AM (IST)

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आज दिनांक 03.10.2019 आश्विन मास शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मां देवी स्कंदमाता की पूजा की जाएगी। नवरात्रि के 9 दिनों में पांचवें नवरात्रि के दिन इनकी विशेष पूजा अर्चना करने का विधान है। धार्मिक शास्त्रओं के अनुसार परस सुखदायनी माता स्कंदमाता की पूजा से मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं। साथ ही साधक की हर तरह की इच्छा पूर्ण होती हैं। ज्योतिष शास्त्र में इनकी पूजा की संपूर्ण विधि के साथ इनके स्तुति गान का भी उल्लेख मिलता है। आइए जानें देवी स्कंदमाता की स्तुति-

वात्सल्य की महामूरत तू,
मैया स्कन्दमाता तेरा नाम!
आत्मविभोर हो जाए हर इन्सां,
देती नि:संतान को वरदान!!
वात्सल्य की महामूरत तू...को वरदान!!
कुमार कार्तिकेय भगवान स्कन्द,
को तूने गोद में उठाया है!
देवासुर संग्राम में असुरों का
वध किया, मार भगाया है!!
मिले शास्त्रों-पुराणों में जिसका
वर्णन शक्तिधर नाम से!
होती पूजा मां जग में तेरी,
स्कन्द की माता के नाम से!!
सिंह पर सवारी तेरी,
तू चार भुजाओं वाली है शान!
वात्सल्य की महामूरत तू...को वरदान!!

भगवती, भवानी, शेरों वाली,
यहां-वहां तेरी छाया है!
मृत्युलोक में भी परमसुख,
हृदय में शीतलता को पाया है!!
वर मुद्रा में उठा हाथ तुम्हारा,
देती भक्ति-शक्ति का दान!
निष्काम भावना जो ध्याए इन्सां,
करती पूर्ण सब अरमान!!
करे हवन-यज्ञ-दान दिल से,
बनाए मां उसको धनवान!
वात्सल्य की महामूरत तू...को वरदान!!
प्यार करना सबसे सिखलाए,
प्यार का अनमोल खजाना तू!
ज्योत जलाएं, करें फल-फूल अॢपत,
सारे जग का नजराना तू!!
कहे ‘झिलमिल’ कविराय अम्बालवी,
मैया जी खोलो दर-दरवाजे!
आन खड़े तेरे दर पे मैया,
अमीर-गरीब, राजा-महाराजे!!
हे दाती, मैया दुर्गा, वैष्णो,
दो वर ऐसा हो जग कल्याण!
वात्सल्य की महामूरत तू...को वरदान!!

—अशोक अरोड़ा ‘झिलमिल’

Jyoti

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