Fasting Benefits: अगर आप भी रखते हैं उपवास, हैरान कर देंगे ये फायदे

punjabkesari.in Sunday, Jan 05, 2025 - 08:55 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Fasting Benefits: जो भोजन हम खाते हैं, वह आंतों में एंजाइमों द्वारा पच जाता है। तब आंतों की दीवारों में रुधिर वाहनियों में अवशोषित होकर कोशिकाओं तक पहुंच जाता है। इसे पाचन कहते हैं। जो लोग खा कर पचा जाते हैं वे सौभाग्यशाली हैं। भोजन उतना खाओ जितना पच सके, भजन उतना करो जितना भज सको।

इस संसार में कम खाने से दीर्घायु मिलती है, ज्यादा खाने से मृत्यु। वैज्ञानिकों ने कहा कि जीवित रहने के लिए भोजन करो न कि भोजन करने के लिए जीवित रहो। ‘अति खाना, श्मशान जाना’, ‘जैसा खाओ अन्न, वैसा बने मन’। क्योंकि जब जिगर में भोजन जाता है तो उसमें प्राण ऊर्जा का संचार हो जाता है।

PunjabKesari Fasting Benefits

भूख के बिना गुलकंद भी खाओगे तो वह नुकसान करेगा, भूख के वक्त सूखी रोटी भी खाओगे तो वह गुलकंद लगेगी। जब पेट खाली होता है तो पेट की मांसपेशियां संकुचित होती हैं। इसकी संवेदना दिमाग के हंगर सैंटर पर पहुंचती है। हम किचन में जाते हैं भोजन खाते हैं, तब तक जब तक पेट भर जाए। जब पेट पूर्ण भर जाता है तो दिमाग में स्टेयटी सैंटर हमें आदेश देता है तो हम भोजन खाना बंद कर देते हैं। अत: भूख को बुद्धि का आदेश मानना चाहिए। भूखे भजन न होए गोपाला। पेट भरा हो तो सब ठीक दिखता है अन्यथा सब झूठ। परंतु पेट और आंतड़ियों को ज्यादा बोझ से बचाने के लिए वैज्ञानिकों ने उपवास का महत्व बताया है।

जो व्यक्ति प्रात: काल और सायंकाल केवल दो समय भोजन करता है। बीच में कुछ नहीं खाता, उपवासी कहलाता है।

अग्नि आहार को पचाती है और उपवास शरीर को सभी प्रकार के दोषों से बचाता है।

PunjabKesari Fasting Benefits

उपवास सत्याग्रह के शस्त्रगाह में महान शक्तिशाली अस्त्र है। यह शरीर शुद्धि का परम साधन है।

यह अपनी या दूसरों की तलवार की धार का कार्य करता है।

उपवास शरीर एवं आत्मा की शुद्धि का साधन है। इसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। भूख हड़ताल उपवास का ही दुरुपयोग है। इसे नहीं करना चाहिए।

आरोग्य रक्षा का मुख्य साधन उपवास है। अत: यथासमय सप्ताह में एक बार उपवास करना चाहिए।
उपवास का मूल अर्थ है कि दुर्गुणों और दोषों से बच कर गुणों एवं आत्मोन्नद के साथ आवास करना।

PunjabKesari Fasting Benefits

अत: उपवास करें और शरीर शोधन करें। स्वस्थ रहें और दीर्घ जीवन पाएं। जीवेम शरद: शतम्। आदमी चाहे तो संयम नियम के साथ 150 वर्ष जी सकता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Prachi Sharma

Related News