Gupt Navratri 2020 Special: तांत्रिक क्रियाओं के लिए जानें जाते हैं भारत के ये मंदिर

Tuesday, Jan 28, 2020 - 04:14 PM (IST)

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जैसे कि सब जानते हैं 25 जनवरी से साल 2020 के पहले गुप्त नवरात्रि शुरू हो चुके हैं। जिस दौरान देवी मां की सात्विक तथा तांत्रिक दोनों प्रकार से पूजा की जाती है। मगर अधिकतर विशेषता तांत्रिक पूजा की है। यही कारण है कि लोग इस दौरान व ज्यादातर तांत्रिक साधु मां की गुप्त रूप से पूजा करते हैं ताकि मां उन पर प्रसन्न हो जाएं और उनकी शक्तियों को और प्रगाढ़ करें। गुप्त नवरात्रि के इसी खास मौके पर हम आपको बताते वाले हैं उन मंदिरों के बारे में जो देशभर में तांत्रिक क्रियाओं के लिए प्रसिद्ध है। बल्कि इन मंदिरों को जाना ही तांत्रिक क्रियाओं के लिए ही जाता है। यानि जहां भारत अपनी प्राचीन सभ्यता के लिए जाना जाता है तो वहीं ये मंदिर जिसमें पूजा-पाठ से लेकर तंत्र-मंत्र से सम्बंधित विद्याओं के समवेश के लिए जाना जाता है। 

भारत में स्थापित कई ऐसे मंदिर हैं, जहां तांत्रिक अपनी विद्या का प्रदर्शन कर देवी-देवताओं को खुश करते हैं। इन मंदिरों में जहां एक ओर तांत्रिक तंत्र क्रियाओं का प्रयोग होता है, वहीं यहं भूत-पिचाशों से लोगों को छुटकारा भी दिलाया जाता है। आइए जानते इन मंदिरों के बारे में जो तांत्रिकों के गढ़ के नाम से जाने जाते हैं।

वेताल मंदिर, ओडिसा
बताया जाता है कि 8 वीं सदी में बने भुवनेश्वर के इस मंदिर में बलशाली चामुण्डा देवी की मूर्ति है। हिंदू धर्म के ग्रंथों के अनुसार बलशाली चामुण्डा काली का ही एक रूप है। बताया जाता है इस मंदिर में तांत्रिक क्रियाएं हमेशा चलती रहती हैं।

बैजनाथ मंदिर, हिमाचल प्रदेश 
भगवान शिव अपने इस प्राचीन मंदिर में लिंग रूप में विराजमान हैं जो वैधनाथ लिंग के नाम से प्रसिद्ध है। कहा जाता है बैजनाथ मंदिर अपनी तांत्रिक क्रियाओं और यहां का पानी अपनी पाचन शक्तियों के लिए अति प्रसिद्ध है।

एकलिंग मंदिर, राजस्थान
बैजनाथ मंदिर की तरह राजस्थान के एकलिंग मंदिर में भी भगवान शिव का लिंग रूप में विराजमान हैं। ये मंदिर उदयपुर के पास स्थित है। यहां शिव की काले संगमरमर से बनी अनोखी और बेहद खूबसूरत चौमुखी मूर्ति विराजित है।

कालीघाट, कोलकाता 
कोलकाता में स्थित कालीघाट तांत्रिकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण तीर्थ माना जाता है। ऐसी मान्यताएं हैं कि इस स्थान पर देवी सती की उंगलियां गिरी थीं। ये जगह भी तांत्रिक क्रियाओं को अंजाम देने के लिए प्रसिद्ध है। 

कामाख्या मंदिर, असम 
कहा जाता है असम में स्थित कामाख्या शक्तिपीठ समस्त तांत्रिक गतिविधियों का गढ़ है। शास्त्रों में वर्णित पौराणिक कथाओं के अनुसार इस जगह पर देवी सती का योनि भाग गिरा था। जिस वजह से इसे शक्तिपीठ कहा जाता है। 

ज्वालामुखी मंदिर, हिमाचल प्रदेश 
हिमाचल प्रदेश का ये मंदिर एक तरफ़ जहां अपनी तांत्रिक क्रियाओं के लिए प्रसिद्ध है वहीं दूसरी ओर ये यहां होने वाले चमत्कारों के चलते भी काफ़ी लोकप्रिय है।  बताया जाता है यहां एक कुंड हैं, जो देखने पर उबलता दिखाई देता है लेकिन छूने पर पानी ठंडा होता है। 

काल भैरव मंदिर, मध्य प्रदेश 
मध्य प्रदेश में स्थित शिव के कोतवाल भैरव का मंदिर तांत्रिक क्रियाओं के लिए बहुत प्रसिद्ध है। देशभर से तांत्रिक और अघोरी सिद्धियों के लिए यहां आते हैं। बता दें यहां बाबा भैरवनाथ की श्याममुखी मूर्ति स्थापित है।  

खजुराहो मंदिर, मध्य प्रदेश 
बहुत कम लोग जानते हैं खजुराहो मंदिर न केवल कलात्मक रचना और कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है बल्कि खजुराहो तांत्रिक गतिविधियों को करने के लिए भी काफी महत्वपूर्ण स्थान है।

Jyoti

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