तांत्रिक क्रियाओं के लिए प्रसिद्ध हैं भारत के ये 9 मंदिर

Tuesday, Dec 05, 2017 - 05:50 PM (IST)

भारत अपनी प्राचीन सभ्यता के लिए जाना जाता है। जिसमें पूजा-पाठ से लेकर तंत्र-मंत्र से सम्बंधित विद्याओं का भी समवेश होता है और पूरे भारत में कई ऐसे मंदिर है, जहां तांत्रिक अपनी विद्या का प्रदर्शन कर देवी-देवताओं को खुश करते हैं। इन मंदिरों में जहां एक ओर तांत्रिक तंत्र क्रियाओं का प्रयोग करते हैं, वहीं यहां भूत-पिचाशों की समस्या से लोगों को छुटकारा दिया जाता है। आइए जानते हैं कौन से हैं ये मंदिर, जो तांत्रिकों के गढ़ के नाम से जाने जाते हैं-

 

वेताल मंदिर, ओडिसा
8वीं सदी में बने भुवनेश्वर के इस मंदिर में बलशाली चामुण्डा की मूर्ति है। बलशाली चामुण्डा काली का ही एक रूप है। इस मंदिर में तांत्रिक क्रियाएं हमेशा चलती ही रहती है।


 
 

बैजनाथ मंदिर , हिमाचल प्रदेश
इस मंदिर में शिव भगवान का प्रसिद्ध वैधनाथ लिंग है। बैजनाथ मंदिर अपनी तांत्रिक क्रियाओं और यहां का पानी अपनी पाचन शक्तियों के लिए प्रसिद्ध है।

 

एकलिंग मंदिर, राजस्थान 
भगवान शिव को समर्पित एकलिंग जी मंदिर उदयपुर के पास है। यहां शिव की एक अनोखी और बेहद खूबसूरत चौमुखी मूर्ति है जो काले संगमरमर से बनी है।


 
 

कालीघाट, कोलकाता 
कोलकाता का कालीघाट तांत्रिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण तीर्थ है। मान्यताओं के अनुसार इस जगह पर देवी सती की उंगलियां गिरी थी।

 

कामाख्या मंदिर, असम 
असम का कामाख्या मंदिर तांत्रिक गतिविधियों का गढ़ माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस जगह पर देवी सती का योनि भाग गिरा था। 

 

ज्वालामुखी मंदिर, हिमाचल प्रदेश 
यह मंदिर अपने चमत्कार के साथ यहां होने वाली तांत्रिक क्रियाओं के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां एक कुण्ड है, जो देखने पर उबलता दिखाई देता है लेकिन छूने पर पानी ठंडा रहता है।

 

खजुराहो मंदिर, मध्य प्रदेश
खजुराहो मंदिर कलात्मक रचना और कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन कम ही लोग जानते है कि खजुराहो तांत्रिक गतिविधियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है।

 

काल भैरव मंदिर, मध्य प्रदेश 
इस मंदिर में भैरव की श्याममुखी मूर्ति है। तांत्रिक क्रियाओं के लिए ये मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। देशभर से तांत्रिक और अघोरी सिद्धियों के लिए यहां आते है। 

 

बालाजी मंदिर, राजस्थान 
यह मंदिर तंत्र की नजर से बहुत पवित्र माना जाता है। कहते है कि जिन लोगो पर प्रेत या आत्मा का साया पड़ जाता है वो यहां झाड़-फूंक के लिए आते है। 

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