फेसबुक के संस्थापक Mark Zuckerberg की जन्मकुंडली में है राजयोग

Sunday, May 19, 2019 - 02:39 PM (IST)

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फेसबुक के संस्थापक मार्क एलियट जुकरबर्ग का जन्म 14, मई 1984 को न्यूयार्क में मकर लग्र और राहू की महादशा में हुआ है। इनकी जन्मकुंडली में उत्तम कोटि के राजयोग बने हुए हैं जो लाखों जन्मकुंडलियों में से किसी एक की जन्म कुंडली में देखने को मिलते हैं।

सोशल मीडिया पर धमाल मचाने वाली फेसबुक का निर्माण शनि लग्नेश और धनेश के द्वारा हुआ क्योंकि मार्क जुकरबर्ग का शनि लग्नेश और धनेश दोनों भावों का स्वामी बन उच्च का होकर दशम भाव अर्थात कर्म भाव में स्थित है। हालांकि शनि यहां मारकेश भी है किन्तु लग्नेश होने के कारण मारकेश का कार्य नहीं करेगा।

शनि के दशम भाव में उच्च का होने से ‘शश योग’ बन रहा है। इसके परिणामस्वरूप मार्क जुकरबर्ग राजा के समान भोग-विलास, धन-सम्पत्ति का स्वामी बनता है। ‘शश योग’ होने से अनेक वाहनों का स्वामी बना भवन और कार्यालय स्थापित हुए। शनि के साथ चन्द्रमा और मंगल भी है। चन्द्रमा और शनि का योग ‘कलत्रामूल धनयोग’ का निर्माण कर रहा है अत: ससुराल पक्ष की धन-सम्पत्ति भी मार्क जुकरबर्ग को स्वत: मिल जाएगी और फिर वहीं शनि और मंगल का भी योग ‘मातृमूल धनयोग’ बन रहा है जो ज़मीन और माता की सम्पत्ति भी मार्क जुकरबर्ग को दिलाएगा।

अगर सूर्य पर विचार किया जाए तो मकर लग्र के लिए सूर्य अशुभ होता है किन्तु मार्क जुकरबर्ग को भी यहां गॉड-गिफ्ट मिला है क्योंकि सूर्य यहां उच्च का है और अष्टमेश के दोष से मुक्त है। अपनी राशि से नवम भाव में स्थित होने से सूर्य ने ‘रविकृत राजयोग’ बना दिया है। सूर्य और बुध की युति ‘कुलदीपक योग’ भी बना रही है एवं शुक्र भी वहीं स्थित है जिसके कारण ‘पद्मसिंहासन नामक’ योग भी बन रहा है।

इन्हीं सब योगों द्वारा मार्क जुकरबर्ग को स्वयं भी नहीं मालूम होगा कि वह कितनी धन-सम्पत्ति प्रतिदिन कमाता है। इसी तरह गुरु द्वारा ‘विपरीत राजयोग’ भी बन रहा है। मार्क जुकरबर्ग अपार धन-सम्पत्ति का स्वामी होने के बाद भी अपने शत्रुओं पर प्रहार नहीं करेगा और भावुकतावश कठोर दंड देने के स्थान पर उन्हें क्षमा कर देगा। मार्क जुकरबर्ग का जीवन सादा होगा एवं जीवन में एक ऐसा क्षण आएगा जब वह धन-सम्पत्ति को किसी के नाम भी कर सकता है एवं वैराग्यपूर्ण  जीवन जीना पसंद करेगा। मार्क जुकरबर्ग को चाहे धन लाभ हो या नुक्सान हो दोनों की अवस्था में सम रहेगा। दोनों हाथों से धन दान करने से भी नहीं घटेगा और उसकी धन-सम्पत्ति का विस्तार होगा।

-बॉक्सर देव गोस्वामी
 

Jyoti

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