हर विद्यार्थी को गानी चाहिए ये आरती, होगा सफल एवं सुरक्षित भविष्य का आगाज

Saturday, Mar 03, 2018 - 08:47 AM (IST)

मां सरस्वती के पूजन से मानव जीवन का अज्ञान रूप दूर होकर ज्ञान का प्रकाश प्राप्त होता है। मां सरस्वती की कृपा मनुष्य में कला, विद्या, ज्ञान तथा प्रतिभा का प्रकाश करती है। इनकी उपासना करने से मूर्ख भी विद्वान् बन सकता है। सभी सामाजिक कार्यक्रमों का आरंभ भी इसीलिए सरस्वती वंदना से होता है ताकि कार्य सर्वोत्तम तरीके से पूर्ण हो सकें। विद्या की देवी अपने साधकों को बुद्धि और ज्ञान का वरदान देती हैं। पथ भ्रष्ट लोगं को सही मार्ग पर डालती हैं। वैसे तो हर व्यक्ति को प्रतिदिन इनकी आरती का गुनगान करना चाहिए ताकि मन और वाणी शुद्ध हो सके लेकिन विद्यार्थियों के लिए मां सरस्वती की वंदना-अर्चना, पूजन तथा आरती गाना सफल एवं सुरक्षित भविष्य का आगाज करता है। 


मां सरस्वती की आरती
कज्जल पुरित लोचन भारे, स्तन युग शोभित मुक्त हारे |
वीणा पुस्तक रंजित हस्ते, भगवती भारती देवी नमस्ते ॥

जय सरस्वती माता जय जय हे सरस्वती माता |
सदगुण वैभव शालिनी त्रिभुवन विख्याता ॥ जय.....

चंद्रवदनि पदमासिनी घुति मंगलकारी |
सोहें शुभ हंस सवारी अतुल तेजधारी ॥ जय.....

बायेँ कर में वीणा दायें कर में माला |
 शीश मुकुट मणी सोहें गल मोतियन माला ॥ जय.....

देवी शरण जो आयें उनका उद्धार किया |
पैठी मंथरा दासी रावण संहार किया ॥ जय.....

विद्या ज्ञान प्रदायिनी ज्ञान प्रकाश भरो |
 मोह और अज्ञान तिमिर का जग से नाश करो ॥ जय.....

धुप दिप फल मेवा माँ स्वीकार करो |
ज्ञानचक्षु दे माता भव से उद्धार करो ॥ जय.....
 
माँ सरस्वती जी की आरती जो कोई नर गावें |
हितकारी सुखकारी ग्यान भक्ती पावें ॥ जय.....

जय सरस्वती माता जय जय हे सरस्वती माता |
सदगुण वैभव शालिनी त्रिभुवन विख्याता ॥ जय.....

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