नज़र लगना: हकीकत या फसाना

Wednesday, Apr 18, 2018 - 02:19 PM (IST)

जब व्यक्ति के साथ कुछ भी बुरा होता है तो घर के बड़े-बुजुर्गों द्वारा कहा जाता है की नजर लग गई है। क्या सच में नजरों में कुछ ऐसा होता है, जिससे बुराई हावी होने लगती है। आईए जानें यह हकीकत है या फसाना। हमारे आस-पास तीन तरह की ऊर्जा हर वक्त रहती है- सकारात्मक, नकारात्मक और उदासीन। यह सोचने-समझने की शक्ति, चाल-चलन, शिष्टाचार और बोलचाल से बनती है। जब किसी दूसरे व्यक्ति की नकारात्मक ऊर्जा हमारी सकारात्मकता पर हावी होती है, तो उसे नजर लगना कहा जाता है।


माना जाता है कि नजर लगने पर व्यक्ति की साकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है। व्यक्ति बीमार महसूस करता है। नजर लगने पर व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नजर लगने के कुछ सामान्य लक्षण देखे जा सकते हैं, जैसे अचानक उल्टी होना, पशुओं की अचानक मौत, छोटे बच्चों का बार-बार रोना, बनते काम बिगड़ जाना आदि। 


जब घर पर बुरी नजर का प्रभाव होता है तो घर खाने को दौड़ता है, बेवजह लड़ाई-झगड़े होने लगते हैं, कारोबार में नुकसान होता है, पारिवारिक सदस्यों की सेहत पर बुरा प्रभाव रहता है, पैसा बिमारी पर खर्च होने लगता है और रोग भी पकड़ में नहीं आता।  


बचें नजरों के प्रभाव से
कुछ बाल काट कर पवित्र नदी में प्रवाह कर दें।


नहाने के पानी में कुछ बूंदे केवड़ा डालें। 


चन्दन की खुशबू का अधिक से अधिक प्रयोग करें, नकारात्मकता कभी भी हावी नहीं होने पाएगी।


घर से जब भी बाहर जाएं थोड़ा गुड़ खाकर निकलें।


घर से दूर करें नजर दोष
साफ-सफाई का ध्यान रखें, गंदगी पर नकारात्मकता जल्दी हावी होती है।

सुबह-शाम घर के मंदिर में गाय के घी का दीपक लगाएं।

मुख्यद्वार और हर कमरे के दरवाजे पर लाल रंग का स्वस्तिक बनाएं।
 

Niyati Bhandari

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