Edmonton Alberta Mandir: कनाडा के एडमंटन का प्रसिद्ध हिन्दू मन्दिर, जहां की शोभा है सबसे न्यारी

Saturday, Apr 06, 2024 - 07:43 AM (IST)

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Edmonton Alberta Mandir: ‘द भारतीय कल्चरल सोसायटी ऑफ अल्बर्टा’ का हिन्दू मन्दिर कनाडा के एडमंटन स्थित एक प्रसिद्ध धर्मस्थल है। 9507, 39 ए एवेन्यू, एडमंटन, कनाडा स्थित इस पवित्र स्थान का मंगलाचरण 10 जून, 2006 को किया गया था। मंदिर के आचार्य पंडित पंकज दीक्षित, जन्मान्शी लक्ष्मण तथा राजेश मोहन झा ने बताया कि यह मन्दिर लगभग 2 एकड़ में बना है।

एडमंटन शहर के इस सबसे बड़े मन्दिर में प्रवेश करते ही फूलों की क्यारियां अभिवादन करती प्रतीत होती हैं। कुछ सीढ़ियां चढ़कर मन्दिर में प्रवेश किया जाता है। बाईं ओर छोटा-सा चतुर्भुज आंगन है, जहां भगवान गणेश की बड़ी प्रतिमा सुशोभित है, जो प्रत्येक आगंतुक को आशीर्वाद देती प्रतीत होती है।
मन्दिर का बड़ा दरवाजा खुलते ही सामने खूबसूरत झिलमिलाता, आध्यात्मिकता में ओत-प्रोत बड़ा-सा हॉल है जहां सहसा ही पवित्रता तथा शांति का अहसास आपके मन में समाने लगता है।

हॉल में सामने भगवान श्री गणेश, दुर्गा, गायत्री, राधा-कृष्ण, शिव परिवार, पंचमुखी हनुमान, वेंकटेश्वर स्वामी, राम-लक्ष्मण दरबार आदि अनेक प्रतिमाएं भव्य वस्त्रों में शोभनीय हैं, जिनके दर्शन से आत्मिक आनंद का अहसास होता है। इन प्रतिमाओं के साथ दोनों ओर अन्य कई कलाकृतियां भी मौजूद हैं। मन्दिर में शीश नवाने के पश्चात भक्तों को चरणामृत सहित प्रसाद दिया जाता है। वृद्धजनों की सुविधा के लिए हॉल में दीवारों के साथ-साथ कुर्सियां रखी गई हैं।

भीतरी छत का डिजाइन शीशेनुमा है, जिससे रौशनी भीतर प्रवेश करती है। छत के ऊपर गुंबद सुशोभित है। मंदिर में महा शिवरात्रि, नवरात्र, होली, जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, करवा चौथ, रामलीला, दशहरा, दीवाली जैसे उत्सव मनाने के साथ ही वर्ष में एक बार जागरण भी किया जाता है, जिसमें भारत से प्रसिद्ध जागरण गायक बुलाए जाते हैं।

 इस डबल स्टोरी मंदिर में लगभग 700 लोगों की क्षमता वाला एक लंगर हॉल है, जिसके साथ किचन व चार सुविधाजनक कमरे मौजूद हैं।  मंदिर में गोरखपुर से प्रकाशित ‘कल्याण पत्रिका’ के लगभग सभी अंक उपलब्ध हैं, जिनसे प्रवचन, कथाएं, व्याध्यान, सूक्तियों का इस्तेमाल किया जाता है।

रविवार को मंदिर में लगभग 1 हजार श्रद्धालुओं के लिए भोजन की व्यवस्था की जाती है। उस दिन प्रात: 11 से 12 बजे तक धार्मिक प्रवचन-भजन होते हैं। आरती रोज सुबह 8 और शाम को 7 बजे होती है। मन्दिर खुलने का समय सोमवार से शुक्रवार सुबह 7 से 1 बजे और शाम को 4 से 8 बजे तक है। शनिवार को सुबह 7 से 2 बजे तथा शाम को 4 से 8 बजे तक, जबकि रविवार को सुबह 7 से शाम 7 बजे तक यह खुलता है। पंंडित आचार्य पंकज दीक्षित कहते हैं कि मातृभूमि से दूर रह कर अपने धर्म-संस्कृति और मर्यादा से जुड़े रहना भी देशभक्ति का ही एक रूप है।       


 

Prachi Sharma

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