पूजनीय है भोजन, Vastu में बताया गया है इसका महत्व

Friday, Dec 10, 2021 - 02:29 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
भोजन करते समय बहुत सी बातों का ध्यान रखना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार भोजन को भी पूजनीय माना गया है, इसी वजह से खाने से पहले भोजन को प्रणाम किया जाता है। फिर अन्न देवता से प्रार्थना करनी चाहिए। 

अपने इष्टदेन का ध्यान करते हुए पर्याप्त भोजन उपलब्ध करवाने के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहिए। इसके साथ किसी दिव्य मंत्र क एक बार जप करना चाहिए। वैसे तो शास्त्रों में कई भोजन मंत्र बताए गए हैं, जिन्हें खाना खाने से पहले बोला जाता है। इसके अतिरिक्त हम गायत्री मंत्र, ॐ नमः शिवाय जैसे वैदिक मंत्र बोलकर भी भोजन कर सकते हैं। 

ऐसा माना जाता है कि इन मंत्रों के प्रभाव से हमें हमेशा ही भोजन मिलता रहता है और देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है। मंत्रों की शक्ति से हम सभी भली-भांति परिचित हैं। 

भोजन से पहले मंत्र बोलने पर व्यक्ति को भूख अच्छे से लगती है और खाना पचने में कोई समस्या नहीं होती है। साथ ही मंत्रों की शक्ति से भोजन से असीम ऊर्जा की प्राप्त होती है। वहीं यह भी कहा गया है कि यदि आप मंत्र न बोल सकें तो अपने गुरु या अपने इष्ट का स्मरण करके भोजन शुरू कर सकते हैं। 

इन बातों का भी रखें ध्यान-
पहली रोटी गौ माता के लिए निकालें। 

गेहूं में नागकेशर के 2 दाने तथा तुलसी की 11 पत्तियां डालकर पिसाया जाना शुभ है। 

तवे पर रोटी सेंकने से पूर्व दूध के छींटे मारना शुभ है। 

सूखे फूल घर में नहीं रखें। 

हर गुरुवार को तुलसी के पौधे को दूध चढ़ाना चाहिए। 

घर में तुलसी को पौधा हमेशा पूर्व दिशा में या पूजा स्थान के पास ही रखना उचित होता है। 

सप्ताह में एक बार घर में गूग्गल का धुआं करना शुभ होता है। 

मकान में 3 दरवाजे एक ही सीधे में न हों। 

घर में गोल किनारों के फर्नीचर ही शुभ हैं। 

दक्षिण-पूर्व दिशा के कोनें में हरियाली से परिपूर्ण चित्र लगाएं। 

संत-माहत्माओं के आशीर्वाद देते हुए चित्र बैठक में लगाएं। 

वास्तु की मानें तो उत्तर या पूर्व दिशा में की गई जल की निकासी आर्थित दृष्टि से शुभ होती है इसलिए घर बनाते समय इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। 

Jyoti

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