जमीन पर बैठकर करें भोजन, हैल्थ PROBLEMS होंगी खत्म

Monday, Feb 05, 2018 - 06:17 PM (IST)

भारत देेश विभिन्न प्रकार की सभ्यताओं और परंपराओं का देश है, जहां समस्त कामों को लेकर मान्यताएं और रिवाज प्रचिलत है। उन्हीं में से एक परंपरा भोेजन को लेकर भी प्रचलित है। यह पंरपरा भी उन्हीं समस्त परंपारओं में से एक है। भोजन से ही शरीर को ऊर्जा मिलती है। ऐसा कोइ भी पदार्थ जो (कार्बोहाइड्रेट), वसा, जल अथवा प्रोटीन से बना हो और जीव जगत द्वारा ग्रहण किया जा सके, उसे भोजन कहते हैं। जीव न केवल जीवित रहने के लिए बल्कि स्वस्थ और सक्रिय जीवन बिताने के लिए भोजन करते हैं। भोजन में अनेक पोषक तत्व होते हैं जो शरीर का विकास करते हैं, उसे स्वस्थ रखते हैं और शक्ति प्रदान करते हैं।


वैसे तो भोजन करने से जुड़ी बहुत कुछ मान्यताएं प्रचलित हैं। उनमें से एक परंपरा है खड़े होकर या कुर्सी पर बैठकर भोजन न करने की। दरअसल, ऐसा माना जाता है कि खड़े होकर भोजन करने से कोष्ठबद्धता (कब्ज) की समस्या होती है। इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि जब हम खड़े होकर भोजन करते हैं तो उस समय हमारी आंतें सिकुड़ जाती हैं और भोजन ठीक से नहीं पच पाता है। इसलिए जमीन पर सुखासन में बैठकर खाना खाने की परंपरा बनाई गई है।


जमीन पर बैठकर खाना खाने से हैं वजन नियंत्रण में रहता है। दरअसल जब सुखासन में बैठते हैं, तो दिमाग अपने आप शांत हो जाता है। वह बेहतर ढंग से भोजन पर ध्यान केंद्रित कर पाता है। बैठकर खाने से पेट और दिमाग को सही समय पर एहसास हो जाता है कि आपने भरपूर खा लिया है, इससे आप ओवरईटिंग से बच जाते हैं। सुखासन पद्मासन का एक रूप है। सुखासन से स्वास्थ्य संबंधी वे सभी लाभ मिलते हैं जो पद्मासन से मिलते हैं। बैठकर खाना खाने से न सिर्फ हम अच्छे से खाना खा सकते हैं, बल्कि इससे मन की एकाग्रता बढ़ती है। जबकि इसके विपरित खड़े होकर भोजन करने से तो मन एकाग्र नहीं रहता है।इस तरह खाना खाने से मोटापा, अपच, कब्ज, एसिडीटी आदि पेट से जुड़ी समस्याएं होती हैं।

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