क्यों ज़मीन पर बैठकर भोजन करना चाहिए ?

Saturday, Feb 09, 2019 - 04:26 PM (IST)

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आप में से बहुत से लोग होंगे जिन्होंने देखा होगा या जिन्हें पता होगा कि पुराने समय में लोग नीचे मतलब ज़मीन पर बैठकर भोजन करते थे। अगर आज के समय में किसी को नीचे बैठकर खाना खाने के लिए बोल दिया जाए तो वह ऐसा करने से कतराते हैं। क्योंकि उन्हें लगता है आज कल के मार्डन समय में नीचे ज़मीन पर बैठकर भोजन करना आउटडेटेड है। अब ऐसा करना आउटडेटेड है या नहीं ये हम नहीं जानते  लेकिन हां ऐसा करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।  


आइए जानते हैं इससे संबंधित कुछ ऐसी महत्वपूर्ण बातें-
कहा जाता है कि भारत में बहुत प्राचीन समय से ज़मीन पर बैठकर भोजन करने की परंपरा चली आ रही है। भले ही आजकल लोग मेज-कुर्सी यानि डाइनिंग टेबल पर बैठकर भोजन करते हैं। मगर आज भी ऐसे बहुत से ऐसे लोग हैं जो अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क हैं, वे ज़मीन पर ही बैठकर खाना खाते हैं।


ये लोग सुखासन यानि पालथी मारकर खाना खाते हैं। ज्योतिष के अनुसार जब हम ज़मीन पर बैठकर खाना खाते हैं तो इससे हमारा दिमाग बिल्कुल शांत रहता है। इसके साथ ही ये भी कहा जाता है कि इससे हमारा पूरा ध्यान खाने पर केंद्रित हो पाता हैं, जिससे हमारा पेट नियंत्रण में रहता है। इसके अलावा नीचे बैठकर खाना खाने से शरीर का रक्त संचार ठीक रहता है और सभी अंगों तक खून पहुंचता है।

वहीं अगर कुर्सी-टेबल पर बैठकर खाना खाते हैं तो ब्लड सर्कुलेशन उल्टा हो जाता है। जो शरीर के लिए बहुत हानिकारक होता है। माना जाता है कि जो लोग ज़मीन पर सुखासन में बैठकर खाना खाते हैं और बिना किसी सहारे के खड़े होने में सक्षम होते हैं वे लंबे समय तक जीवित रहते हैं। वहीं परिवार के ज़मीन पर साथ मिल-बैठकर खाने से रिश्ते मज़बूत होते हैं। माना जाता है कि भोजन करने के लिए ज़मीन पर बैठते और उठते हैं तब अर्धपद्मासन की स्थिति बनती है, जो भोजन को पचाने में मदद करती है।
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Jyoti

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