Kundli Tv- दुर्गा सप्तशती के इन 3 मंत्रों से पूरी होगी नवरात्र की पूजा
Wednesday, Oct 17, 2018 - 10:30 AM (IST)
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10 अक्टूबर से नवरात्र का पर्व चल रहा है। कल अष्टमी है और फिर नवमी पर समापन हो जाएगा। यदि आप समय के अभाव के कारण या किसी अन्य कारण से देवी के नौ स्वरूपों की पूजा नहीं कर पाएं हैं तो इन दो दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से लाइफ में चल रही सभी टेंशन से फ्री हो सकते हैं। यदि आप दुर्गा सप्तशती का पाठ नहीं कर सकते तो कुछ मंत्रों का जप करके हर विश पूरी कर सकते हैं।
रूपए-पैसे से संबंधी हर समस्या का अंत करेगा ये मंत्र-
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो: स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि। दारिद्रयदु:खभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता।
बुरी नज़र से बचाएगा यह मंत्र-
शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके। घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च।।
रोगों का नाश और स्वस्थ रहने के लिए करें इस मंत्र का जाप-
देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य।
प्रसीद विश्वेश्वरी पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य।।
आइए जानें कौन से अध्याय से क्या फल मिलता है-
प्रथम अध्याय का प्रतिदिन पाठ करने से परेशनियों से मुक्ति मिलती है।
दूसरे अध्याय के पाठ करने से कोर्ट केस एवं विवादों में सफलता मिलती है।
मां दुर्गा की भक्ति अौर कृपा प्राप्ति के लिए चतुर्थ अध्याय का नियमित पाठ करें।
पांचवें अध्याय के पाठ से मां दुर्गा की असीम कृपा प्राप्त होती है। साथ ही भक्तों की समस्याअों का नाश होता है।
भय, शंका अौर ऊपरी बाधा से मुक्ति हेतु दुर्गा सप्तशती के छठे अध्याय का पाठ करने से लाभ होगा।
सातवें अध्याय का पाठ करने से विशेष इच्छाएं पूर्ण होती है।
आठवें अध्याय के पाठ से वशीकरण और मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।
खोए हुए व्यक्ति को पाने अौर संतान सुख के लिए नवम अध्याय फलदायी माना गया है।
दसवें अध्याय में शुंभ वध की कथा है। इस अध्याय के पाठ से रोग अौर दुखों का नाश होता है। इस अध्यााय से पठन से मनोकामनाअों की भी पूर्ति होती है।
व्यापार में लाभ अौर सुख-शांति के लिए गयारहवें अध्याय का पाठ करें।
बारहवें अध्यााय के पाठ से मान-सम्मान अौर सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है।
तेरहवें अध्याय के पाठ से देवी की भक्ति अौर कृपा मिलती है।
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