आपकी Wish List की कोई इच्छा नहीं रहेगी अधूरी, ऐसे करें देवी दुर्गा का आवाह्न

Wednesday, Nov 20, 2019 - 01:29 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
यूं तो हिंदू धर्म में समस्त देवी-देवताओं को अलग-अलग दिन समर्पित है। जिसके अनुसार पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। लेकिन आप में से बहुत से ऐसे लोग होंगे जो दिन वार के मुताबिक भगवान की पूजा नहीं कर पाते होंगे। तो ऐसी स्थिति में क्या जातक को उसकी पूजा-अर्चना का फल नहीं मिलता। तो आपको बता दें ऐसा नहीं है। अगर आपके द्वारा की गई पूजा सच्ची व श्रद्धा से भरपूर हैं तो वो कभी निष्फल नही जाती। देवी दुर्गा इन्हीं देवी-देवताओं में से हैं जो जातक के सच्चे भाव की चाहवान होती है। तो अगर आप भी अपनी सच्ची आराधना से इनको प्रसन्न करना चाहते हैं तो चलिए आज हम बताते हैं इनके खुश करने का सबसे सरल व आसान तरीका। शास्त्रों के अनुसार देवी दुर्गा का पूजन श्रद्धापूर्वक करने से हर तरह की भौतिक एवं आध्यात्मिक कामनाएं पूरी होती हैं। परंतु इनकी पूजन विधि में कुछ बातों का खास ध्यान रखना आवश्यक होता है।

ये है इनकी पूजा में उपयोग होने वाली खास सामग्री-
पंचमेवा, पंचमिठाई, रूई, कलावा, रोली, सिंदूर, गीला नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र, फूल, 5 सुपारी, लौंग, पान के पत्ते 5, गाय का घी, चौकी, कलश, आम का पल्लव, समिधा, कमल गट्टे, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शर्करा), की थाली. कुशा, लाल चंदन, चंदन, जौ, तिल, सोलह श्रृंगार का सामान, लाल फूलों की माला।

मंत्र के अनुसार ऐसे करें पूजन-
मां दुर्गा का ध्यान करते हुए इस मंत्र का उच्चारण करें-
सर्व मंगल मागंल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्येत्रयम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते॥

देवी दुर्गा का आवाहन करते समय निम्न मंत्र का जाप करें-
श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। दुर्गादेवीमावाहयामि॥

देवी मां को आसन अर्पित करते हुए इस मंत्र का जप करें-
श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। आसानार्थे पुष्पाणि समर्पयामि॥

अर्घ्य अर्पित करते समय इस मंत्र को जपें-
श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। हस्तयो: अर्घ्यं समर्पयामि॥

देवी दुर्गा की प्रतिमा को स्नान करवाते समय इस मंत्र का उच्चारण करें-
श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। स्नानार्थं जलं समर्पयामि॥

पंचामृत स्नान करवाते समय इस मंत्र को जपें-
श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। पंचामृतस्नानं समर्पयामि॥

गंगा जल से स्नान कराएं तथा इस मंत्र का जाप करें-
श्रीजगदम्बायै दुर्गादेव्यै नम:। शुद्धोदकस्नानं समर्पयामि॥

इसके बाद आचमन करवाते समय निम्न मंत्र जपें-
शुद्धोदकस्नानान्ते आचमनीयं जलं समर्पयामि।

फिर एक-एक करके नीचे दी गई सारी सामग्री को देवी दुर्गा पर श्रद्धापूर्वक अर्पित करें-
वस्त्र, सौभाग्य सू़त्र, चन्दन,कुंकुम, आभूषण, पुष्पमाला, नैवेद्य तथा ऋतुफल अर्पित करने के बाद श्रद्धापूर्वक धूप-दीप से आरती करें।

आवाहन पूजन के बाद निम्न दी गए किसी भी एक मंत्र का जप कर लें, हर मनोकामना उसके पूरी होगी-
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते॥

देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य।
प्रसीद विश्वेश्वरि पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य॥

देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥

प्रणतानां प्रसीद त्वं देवि विश्वार्तिहारिणि।
त्रैलोक्यवासिनामीड्ये लोकानां वरदा भव॥

Jyoti

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