Durga Puja 2025: इस नवरात्रि जरूर जाएं बिहार के 5 चमत्कारी दुर्गा मंदिर, जहां हर मुराद होती है पूरी
punjabkesari.in Tuesday, Sep 23, 2025 - 03:12 PM (IST)

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Durga Puja 2025: नवरात्रि के पावन अवसर पर जब चारों ओर भक्ति की धुन बजती है, दीपों की रौशनी से मंदिर जगमगाते हैं और वातावरण में धूप-धुन की सुगंध फैल जाती है- तब बिहार के कुछ मंदिर ऐसे भी होते हैं जहां भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ता है। ये मंदिर न केवल आस्था के प्रतीक हैं, बल्कि इनकी परंपराएं, पूजा विधियां और ऐतिहासिक महत्ता इन्हें और भी खास बना देती हैं। ऐसा विश्वास है कि इन मंदिरों में सच्चे मन से की गई उपासना से मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती हैं। आइए जानें ऐसे ही पांच प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में:
बड़ी पटनदेवी मंदिर (पटना)
पटना शहर के केंद्र में स्थित यह मंदिर बिहार की सबसे प्राचीन शक्तिपीठों में गिना जाता है। मान्यता है कि माता सती के शरीर का एक हिस्सा यहां गिरा था, जिससे यह स्थल अत्यंत पवित्र माना जाता है। नवरात्रि के दिनों में यहां विशेष पूजा-अर्चना और आयोजन होते हैं। यह मंदिर सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि पटना की सांस्कृतिक पहचान के रूप में भी महत्वपूर्ण है।
मुंडेश्वरी देवी मंदिर (कैमूर)
कैमूर की पहाड़ियों में बसा यह मंदिर भारत के सबसे प्राचीन जीवित मंदिरों में से एक माना जाता है। यह स्थान भी एक शक्तिपीठ है और मान्यता है कि देवी ने यहां चंड और मुण्ड नामक राक्षसों का वध किया था। इसी से देवी का नाम 'मुंडेश्वरी' पड़ा। मंदिर की वास्तुकला, उसका पहाड़ी परिवेश और ऐतिहासिक महत्व इसे एक अद्वितीय तीर्थस्थल बनाते हैं।
अंबिका भवानी मंदिर (सारण)
सारण जिले में स्थित यह मंदिर देवी अंबिका को समर्पित है और यह भी शक्तिपीठों की श्रेणी में आता है। यहां देवी की प्रतिमा के बजाय पिंडियों की पूजा की जाती है, जो मिट्टी से बनी होती हैं। कहा जाता है कि यह स्थान वही है जहां माता सती अपने पिता दक्ष के यज्ञ में आहत होकर अग्नि में समा गई थीं। भक्तों को यहां एक गहरी आध्यात्मिक अनुभूति होती है।
मंगला गौरी मंदिर (गया)
गया शहर के पास स्थित यह मंदिर भी एक महत्वपूर्ण शक्तिपीठ है। यहां यह मान्यता है कि माता सती का स्तन यहीं गिरा था। नवरात्रि के अवसर पर मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा के लिए पहुंचते हैं। यह मंदिर विशेष रूप से महिलाओं के लिए शुभ माना जाता है, जो गृहस्थ सुख और संतान सुख की कामना लेकर यहां आती हैं।
मनसा देवी मंदिर (भागलपुर)
भागलपुर जिले में स्थित यह मंदिर देवी मनसा को समर्पित है, जिन्हें नागों की देवी कहा जाता है। यह मंदिर अनोखी पूजा परंपरा के लिए प्रसिद्ध है — यहां बाएं हाथ से पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि सती बहुला ने अपने पति की जान बचाने के लिए इसी विधि से देवी की आराधना की थी। यह स्थान भक्तों की आस्था और विश्वास का जीवंत प्रतीक है।