सपनों की दुनियां से जुड़े होते हैं गहरे राज़

Wednesday, Apr 29, 2020 - 06:45 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

हर रात हमारे लिए नए, सुनहरे स्वप्न लिए आती है परन्तु इस अनमोल निधि को हम पलभर में खो देते हैं। इन्हीं खूबसूरत उपहारों को अगर हम एक ऐसे मददगार के रूप में स्वीकार करें जो कल्पना व हकीकत में भेद करने में सक्षम होने के साथ-साथ हमें अपनी ऐसी समस्याएं सुलझाने में मदद कर सकते हैं जो दिन भर हमें परेशान करती रहीं हों तो हमारे स्वप्न हमारी और भी अधिक मदद कर सकते हैं। आईए जानें, सपने और उनके अर्थ



टीका या तिलक : यदि स्वप्र में टीका या तिलक होता दिखाई दे तो शुभ नहीं होता। यह सभी कार्यों में बाधाएं उपस्थित होने का परिचायक है। सरल से सरल कार्य भी इस बाधा में संकेत के बीच में ही ठप्प हो जाएंगे।

डाक्टर : यदि स्वप्र में डाक्टर दिखाई दे तो यह शुभ नहीं है। इसे घर में रोग, चोट, प्रियजन को घातक रोग, दुर्घटना आदि का प्रतीक समझना चाहिए।

ढोल : स्वप्र में ढोल का दिखाई देना शुभ नहीं समझा जाता है। बज रहा ढोल किसी संकट की सूचना देता है। इसे रोग, दुर्घटना, धनाभाव अथवा किसी अनिष्ट समाचार का प्रतीक समझना चाहिए।

तक्षक (नाग): यदि स्वप्र में नाग दिखाई दे तो शुभ समझना चाहिए। यह दृश्य धनागम की दृष्टि से अधिक सौभाग्यशाली और घर में सुख, शांति रहने का प्रतीक है।

तलवार : स्वप्र में तलवार दिखाई दे तो लक्षण तरकश के समान ही प्रभावी होगा। इसका अभिप्राय यह है कि यदि किसी जातक या उसका कोई प्रियजन बंधन में हो तो वह उससे छुटकारा प्राप्त कर लेगा।

ठेला : यदि स्वप्र में कोई ठेला दिखाई दे और वह फलों से भरा हुआ हो तो बहुत ही शुभ होता है। खाली ठेला दिखाई दे तो धनाभाव का सूचक होता है। यदि वह ठेला मैले से भरा हुआ हो तो अत्यधिक बुरा समझना चाहिए।

तमाचा : यदि स्वप्र में तमाचा मारना दिखाई दे तो वह शुभ-अशुभ दोनों प्रकार के फलों को देने वाला होता है। यदि स्वप्रदृष्टा किसी को चांटा मार दे तो शत्रु पर विजय का प्रतीक है। इसके विपरीत वह स्वयं चांटा खाता हुआ दिखाई देता है तो पराजय का प्रतीक है।



न्यायालय : यदि स्वप्र में न्यायालय का दृश्य दिखाई पड़े तो आपका विवाद बिना न्यायिक प्रक्रिया के हल नहीं होगा।

पकवान : यदि स्वप्र में पकवान दिखाई दे तो सामान्य फलदायी होगा। जातक स्वयं पकवान खाए तो यह रोगवृद्धि का सूचक है। यदि दूसरे को पकवान खिलाए तो शुभ होगा।

ताश : यदि स्वप्र में ताश (प्लेइंग काड्रस) दिखाई दें तो यह भ्रमित करने वाला स्वप्र होगा। जातक अपने कार्यों में अनेक प्रकार की समस्याओं को बाधा के रूप में सामने खड़ा हुआ देखता है लेकिन अंत में उनका हल भी मिल जाता है।

तृण : स्वप्र में हरी घास पशु के आगमन की सूचना देती है जबकि सूखी घास घर में अभावग्रस्त स्थिति की सूचक होती है।

तैराक : तैरकर पार करना, कठिनाइयों से लड़कर विजय पाने का संकेत है। किंतु तैर कर पार करने में कठिनाई एवं डूबने जैसी स्थिति दिखाई दे तो मुसीबतों और विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ता है।



दम्पति :यदि स्वप्र में स्त्री-पुरुष का जोड़ा दिखाई दे तो शुभ होगा। इससे दाम्पत्य जीवन में सुखी होने का संकेत प्राप्त होगा। पति-पत्नी दोनों एक साथ रहने लगेंगे। अविवाहित स्त्री-पुरुषों का विवाह बंधन होगा।

दर्द : यदि स्वप्रदृष्टा को स्वप्र में अपने शरीर के किसी भाग में दर्द होता दिखाई दे तो शीघ्र ही उसके शरीर के किसी भाग में चोट लगेगी या दर्द होगा। यदि जातक किसी रोग से पीड़ित है तो उसे रोग से मुक्ति मिलेगी।

दरिद्र : यदि स्वप्र में कोई दरिद्र व्यक्ति, भिखारी दिखाई दे तो यह आर्थिक दृष्टि से हानिकारक है।

दाह-संस्कार : यदि स्वप्र में दाह-संस्कार,जातक स्वयं अपने या किसी प्रियजन का होता हुआ देखे तो यह शुभ लक्षण माना जा सकता है जिसका दाह-संस्कार करता हुआ दिखाई दे तो निश्चय ही वह व्यक्ति दीर्घायु होगा।

दुर्घटना : यदि स्वप्र में दुर्घटना होती हुई दिखाई दे तो इससे किसी प्रकार की कोई घटना घटित होने का आभास मिलता है अथवा किसी घातक चोट की आशंका बढ़ जाती है।



दुश्मन : स्वप्र में कोई शत्रु अधिक हथियार के साथ एवं अच्छी स्थिति में हो तो हानिकारक होगा एवं दबा हुआ, दुर्बल स्थिति में होने पर लाभप्रद हो सकता है।

दूध : यदि स्वप्र में दूध का भरा हुआ बर्तन दिखाई दे तो यह शुभ होता है। इससे आर्थिक दृष्टि से सम्पन्नता का आभास मिलता है तथा घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती।

धन : स्वप्र में गड़ा हुआ धन या लाटरी से धन की प्राप्ति हो तो यह बहुत ही शुभ लक्षण होगा। इसे आकस्मिक रूप से पर्याप्त मात्रा में धन की प्राप्ति का संकेत समझना चाहिए।

नंदीश्वर : यदि स्वप्र में शिव का द्वारपाल (नंदी) दिखाई दे तो यह शुभ लक्षण माना जाता है।

नवयौवना : स्वप्र में कोई परिचित या अपरिचित नवयौवना दिखाई दे तो यह प्रेम संबंधों के दृढ़ होने की सूचना होगी किंतु वह नव यौवना आकर्षक और सुंदर होनी चाहिए। यदि कुरूप है तो प्रेम के मामलों में व्यवधान उपस्थित होने का संकेत मानना चाहिए।

नेवला : यदि स्वप्र में नेवला दिखाई दे तो यह भय से मुक्ति का प्रतीक समझा जाता है। इसके दर्शन से जातक को शत्रुभय, सर्प और अन्य जीव आदि का भय नहीं रहेगा।

पंख : स्वप्र में पंख का दिखाई देना, जातक के कल्पनाशील होने का संकेत है। अभिप्राय यह है कि जातक अपनी कल्पना के बल पर इच्छित कार्यों में सफलता अर्जित करेगा।

अस्थिपंजर : स्वप्र में पंजर (हड्डियों का ढांचा) दिखाई दे तो शुभ माना जाता है। विद्वानों के मत में यह लक्षण स्वप्रदृष्टा के भाग्योदय का प्रतीक है। उसकी सभी क्षेत्रों में उन्नति होगी।



पवन-पुत्र : स्वप्र में पवन-पुत्र का दिखाई देना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह कल्याणकारी, उत्थानप्रद एवं सभी प्रकार का सुख देने वाला होता है।

पूजन : स्वप्र में देव-पूजन का दृश्य दिखाई पड़ना अत्यंत शुभ लक्षण है। इसे आत्मोन्नति का पूर्ण साधन, श्रद्धा-भाव जागृत करने वाला एवं कल्याणकारी लक्षण समझना चाहिए।

 

 

Niyati Bhandari

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