Mahashivratri 2020: क्या शिवलिंग से जुड़ी इन बातों से रूबरू हैं आप!

Friday, Feb 14, 2020 - 02:45 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म में यूं तो 33 कोटि देवी-देवताओं का उल्लेख मिलता है पंरतु इनमें इन सभी में से जो प्रमुख है वो हैं त्रिदेव। पौराणिक कथाओं के अनुसार ब्रह्मा, विष्णु और महेश, इन तीनों को सृष्टि के रचयिता, पालनकर्ता व संहारकर्ता माना जाता है। पंरतु इन सब में से जिन्हें भगवान शिव को सर्वशक्तिमान माना जाता है। कहा जाता है यही वजह है कि जहां हिंदू धर्म के सभी देवी-देवातओं की पूजा प्रतिमा या तस्वीर के रूप में की जाती है वहीं भगवान शिव की शिवलिंग के रूप में होती है। दरअसल धार्मिक ग्रंथों में भगवान शिव का कोई एक स्वरूप नहीं माना जाता बल्कि उन्हें निराकार माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि शिवलिंग के रूप में उनके निराकार रूप की ही अराधना की जाती है। जिस कारण हर कोई इनकी पूजा-अर्चना करता है। मगर आज भी ऐसे बहुत से लोग होंगे जिन्हें ये नहीं पता होगा कि शिवलिंग का अर्थ क्या है। अगर आप भी नहीं जानते तो चलिए आज जानते हैं शिवलिंग से ही जुड़ी कुछ खास बातें- 

शिवलिंग का अर्थ: 
शास्त्रों के अनुसार 'लिंगम' शब्द 'लिया' और 'गम्य' से मिलकर बना है, जिसका अर्थ 'शुरुआत' व 'अंत' होता है। तमाम हिंदू धर्म के ग्रंथों में इस बात का वर्णन किया गया है कि शिव जी से ही ब्रह्मांड का प्राकट्य हुआ है और एक दिन सब उन्हीं में ही मिल जाएगा।

शिवलिंग में विराजते हैं तीनों देव: 
हम में लगभग लोग यही जानते हैं कि शिवलिंग में शिव जी का वास है। परंतु क्या आप जानते हैं इसमें तीनों देवताओं का वास है। कहा जाता है शिवलिंग को तीन भागों में बांटा जा सकता है। सबसे निचला हिस्सा जो नीचे टिका होता है, दूसरा बीच का हिस्सा और तीसरा शीर्ष सबसे ऊपर जिसकी पूजा की जाती है।

निचला हिस्सा ब्रह्मा जी ( सृष्टि के रचयिता ), मध्य भाग विष्णु ( सृष्टि के पालनहार ) और ऊपरी भाग भगवान शिव ( सृष्टि के विनाशक ) हैं। अर्थात शिवलिंग के जरिए ही त्रिदेव की आराधना हो जाती है। तो वहीं अन्य मान्यताओं के अनुसार, शिवलिंग का निचला हिस्सा स्त्री और ऊपरी हिस्सा पुरुष का प्रतीक होता है। अर्थता इसमें शिव-शक्ति, एक साथ वास करते हैं।

अंडे की तरह आकार
कहा जाता है शिवलिंग के अंडाकार के पीछे आध्यात्मिक और वैज्ञानिक, दोनों कारण है। अगर आध्यात्मिक दृष्टि से देखा जाए तो शिव ब्रह्मांड के निर्माण की जड़ हैं। अर्थात शिव ही वो बीज हैं, जिससे पूरा संसार उपजा है। इसलिए कहा जाता है यही कारण है कि शिवलिंग का आकार अंडे जैसा है। वहीं अगर वैज्ञानिक दृष्टि से बात करें तो 'बिग बैंग थ्योरी' कहती है कि ब्रह्मांड का निमार्ण अंडे जैसे छोटे कण से हुआ है। शिवलिंग के आकार को इसी अंडे के साथ जोड़कर देखा जाता है।

Jyoti

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