मौत से जुड़ा ये सच क्या जानते हैं आप !

Friday, Mar 29, 2019 - 10:25 AM (IST)

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महात्मा बुद्ध के जीवन से जुड़ी ऐसी बहुत सारी कथाएं प्रचलित हैं, जिनमें सुखी जीवन जीने के राज छिपे हैं। कहते हैं अगर कोई व्यक्ति इनकी बताई हुई सीखों को अपना लेता है तो उसे जीवन में किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। उनकी हर एक कथा इतनी प्रेरणादायक होती है कि व्यक्ति को उसे सुनने मात्र से ही उसी अपनी हर मुश्किल का समाधान मिल जाता है। आज हम आपको उनसे जुड़ी ऐसी कथा के बारे में बताने जा रहे हैं जो मृत्यु से संबंध रखती है। 

एक बार किसी महिला के बेटे की अचानक मृत्यु हो गई और उसका पति पहले ही मर चुका था। लेकिन अपने पुत्र के जाने के बाद वह पागल सी हो गई थी। मृत बच्चे के शव को लेकर वह पूरे गांव में घूमने लगी और घूमते हुए महात्मा बुद्ध के पास पहुंची औक रहने लगी कि यह मेरा इकलौता पुत्र है और यही मेरे जीने का सहारा, ये न रहा तो मेरा जीवन किसी काम का नहीं, कृपा करके किसी तरह मेरे पुत्र को जीवित कर दें। 

गौतम बुद्ध ने महिला को कहा कि ठीक है मैं तुम्हारे पुत्र को जीवित कर दूंगा। लेकिन पहले मेरा एक काम करो कि गांव के किसी एक घर में से मुट्ठी भर अनाज ले आओ और एक बात ध्यान रखना कि उस घर में किसी की मौत न हुई हो।  

ये सुनकर महिला बहुत खुश हुई और ऐसे घर की तलाश में निकल गई। एक-एख घर जाकर उसने सबसे पूछा कि इस घर में किसी की मौत तो नहीं हुई। ऐसे पूछते-पूछते उसे शाम हो गई लेकिन गांव में एक भी घर ऐसा नहीं मिला जहां से अनाज मिल सके और जहां किसी की मृत्यु न हुई हो। अंत में उसे ये बात समझ आ गई कि मृत्यु एक ऐसा सच है जिसे कभी मिटाया नहीं जा सकता। जिस भी जीव का जन्म हुआ है उसकी मौत निश्चित है और एक न एक दिन सभी को मरना है। वह औरत वापिस जब गौतम के पास पहुंची और कहने लगे कि मेरे बेटे को जीवित भले न करें लेकिन मृत्यु का रहस्य समझा दें। 

तभी बुद्ध ने कहा कि मैंने तुम्हें घर-घर इसीलिए भेजा था, ताकि तुम्हें मृत्यु की सच्चाई मालूम हो सके। जिसने जन्म लिया है, उसे एक दिन अवश्य ही मरना है, क्योंकि यही जीवन का स्वभाव है। 
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Lata

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