शरद पूर्णिमा के दिन न भूलें ये उपाय करना, दोबारा नहीं मिलेगा मौका

Saturday, Oct 12, 2019 - 05:11 PM (IST)

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13 अक्टूबर यानि आश्विन मास की पूर्णिम तिथि के दिन इस साल की शरद पूर्णिमा मनाई जाएगी। कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन को देवी लक्ष्मी के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है। तो वहीं कुछ मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरती हैं और देखती हैं कि कौन इस रात को जागकर उनकी अर्चना करता है। जो लोग इस दिन इनकी अर्चना करते हैं कि उनपर देवी लक्ष्मी की कृपा से धन की वर्षा होती है। मगर वहीं कुछ ऐसे भी लोग होते है जिन्हें न तो इस दिन महत्वता को जानते हैं न ही उन्हें इस बारे में जानकारी होती है कि आखिर इस दिन माता लक्ष्मी को कैसे प्रसन्न किया जाए।

तो अगर आप भी इन लोगों की सूची में शामिल हैं तो चलिए हम आपको कुछ ऐसे ज्योतिष उपाय बताएंगे जिन्हें अगर आपने भी इस साल की शरद पूर्णिमा यानि 13 अक्टूबर को कर लिया तो आपके पास किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। बल्कि साथ ही देवी लक्ष्मी की कृपा होगा जिससे आपकी पैसों संबंधी सारी मुश्किलें हल हो जाएंगी।

ज्योतिष विद्वानों का मानना है कि आगे बताए जाने वाले उपायों को अगर कोई भी विधि-पूर्वक व पूरी श्रद्धा से कर लेता है तो उस पर पूरा साल धन की देवी लक्ष्मी व कुबेर जी की कृपा होती है। तो आइए जानते हैं शरद पूर्णिमा के दिन किए जाने वाले इन खास उपायों के बारे में जो बेहद कारगार साबित होते हैं।

शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा के साथ-साथ इन्हें सफ़ेद फूल, सफ़ेद फल, सफ़ेद चमकीले वस्त्र, सफ़ेद अनाज जैसे चावल, सफ़ेद मिठाई आदि चीजें ज़रूर अर्पित करें।

इसके अलावा इस खास व महत्वपूर्ण दिन यानि शरद पूर्णिमा को देवी लक्ष्मी को पूजा के दौरान पीली और लाल सामग्री अवश्य अर्पित करें।

ज्योतिष मान्यताओं के मुताबिक शरद पूर्णिमा के दिन बांसुरी में मोर पंख बांधकर इसका पूजन करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।

इस दिन घी का अखंड दीपक जलाकर उसमें 4 लौंग रख दें, शुभ फल प्राप्त होंग।
 
घर के पानी वाले स्थान पर स्वास्तिक बनाकर हाथ जोड़कर परिवार के कुशलता की प्रार्थना करें।

इसके अलावा शरद पूर्णिमा को निम्न दिए गए मंत्र का जाप करें-

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः

शरद पूर्णिमा की रात भागवत महापुराण में बताए अनुसार इस दिन चमकीले, श्वेत और सुंदर चंद्रदेव की नीचे दिए मंत्र के साथ पूजा करें और इन्हें चांदी के बर्तन में दूध और मिश्री का भोग लगाएं।

"पुत्र पौत्रं धनं धान्यं हस्त्यश्वादिगवेरथम् प्रजानां भवसि माता आयुष्मन्तं करोतु मे।"

 

Deeksha Gupta

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