Kundli Tv- छोटी दिवाली पर कर लें ये काम, नरक में जाने से बच जाएंगे

Monday, Nov 05, 2018 - 02:13 PM (IST)

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दीपोत्सव पर्व चल रहा है और इसी क्रम में मंगलवार, 6 नवंबर को आया है नरक चतुर्दशी का त्यौहार। जो हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इसे यम चतुर्दशी, रूप चतुर्दशी या रूप चौदस भी कहते हैं। ये पर्व नरक चौदस और नर्क पूजा के नाम से भी जाना जाता है। आमतौर पर लोग इस पर्व को छोटी दिवाली भी कहते हैं। माना जाता है कि इस दिन दीपदान करने से मृत्यु के बाद नरक के दर्शन नहीं होते और आज ही के दिन गुजरात में मां काली की पूजा की जाती है और हनुमान जी की भी पूजा का विधान है इसलिए गुजरात में इसे काली चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मौत के देवता यमराज की पूजा के साथ व्रत भी किया जाता है। 

कहते हैं यमराज के 14 नाम लेकर उन्हें नमस्कार करने से नर्क नहीं जाना पड़ता। यम चतुर्दशी की सुबह स्नान करने के बाद शुद्ध वस्त्र पहनकर दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके इन मंत्रों का जाप करें। ऐसा करने से आपके साल भर के पापों का अंत हो जाएगा- ऊं यमाय नम:, ऊं धर्मराजाय नम:, ऊं मृत्यवे नम:, ऊं अन्तकाय नम:, ऊं वैवस्वताय नम:, ऊं कालाय नम:, ऊं सर्वभूतक्षयाय नम:, ऊं औदुम्बराय नम:, ऊं दध्राय नम:, ऊं नीलाय नम:, ऊं परमेष्ठिने नम:, ऊं वृकोदराय नम:, ऊं चित्राय नम:, ऊं चित्रगुप्ताय नम:।

इस दिन यमराज को तर्पण करने का विधान भी है, जिसके लिए एक मंत्र भी है। इस मंत्र को जपकर इंसान यमराज से मरने के बाद नर्क न जाने की विनती करता है तो मंत्र है - 
यमाय नम: यमम् तर्पयामि। 

तो चलिए अब आपको बताते हैं, कैसे करें यमराज को तर्पण सबसे पहले दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके बैठ जाएं। फिर जल में तिल मिलाकर तीन बार अनामिका उंगली से तपर्ण करें। अगर आपके सिर पर पिता का आशीर्वाद है तो बायें कंधे पर जनेऊ धारण करके तर्पण करें और अगर पिता जीवित न हों तो दाएं कंधे पर जनेऊ धारण करके तर्पण करें।
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Niyati Bhandari

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