Diwali night remedies: दिवाली की रात घर की 8 दिशाओं में करें ये काम, अमीरों की सूची में होगा आपका नाम
punjabkesari.in Tuesday, Oct 14, 2025 - 04:14 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Diwali night remedies 2025: अष्टलक्ष्मी माता लक्ष्मी के आठ स्वरूप हैं, जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं। ये हैं आदि लक्ष्मी (मूल शक्ति), धन लक्ष्मी (धन की देवी), धान्य लक्ष्मी (अन्न की देवी), गज लक्ष्मी (राज्य और वैभव की देवी), संतान लक्ष्मी (संतान सुख की देवी), वीर लक्ष्मी (साहस और शक्ति की देवी), विजय लक्ष्मी (सफलता की देवी) और विद्या लक्ष्मी (ज्ञान की देवी)। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, इन आठों रूपों की पूजा करने से व्यक्ति को धन, स्वास्थ्य, ज्ञान, संतति, सफलता और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है। अष्टलक्ष्मी की आराधना विशेष रूप से दिवाली, शुक्रवार और नवरात्रि में करने से घर में समृद्धि, शांति और सौभाग्य का वास होता है। माना जाता है कि जो व्यक्ति निष्ठा से अष्टलक्ष्मी का पूजन करता है, उसके जीवन से दरिद्रता, भय और अशुभता का नाश होता है और माता लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त होती है।
दिवाली केवल रोशनी और मिठाइयों का पर्व नहीं है। यह माता लक्ष्मी का स्वागत करने और घर में सुख-शांति, धन-वैभव और सकारात्मक ऊर्जा लाने का अवसर है। शास्त्रों के अनुसार, जो व्यक्ति पूजा, सफाई और दान के साथ दिवाली मनाता है, उसे माता लक्ष्मी की विशेष कृपा मिलती है। इस दिवाली अपने घर को सजाएं, दीपक जलाएं और माता लक्ष्मी का हृदयपूर्वक पूजन करें, ताकि संपन्नता और सुख-शांति बनी रहे।
अष्ट लक्ष्मी साधना का उद्देश जीवन में धन के अभाव को मिटा देना है। इस साधना से भक्त कर्जे के चक्रव्यूह से बहार आ जाता है। आयु में वृद्धि होती है। बुद्धि कुशाग्र होती है। परिवार में खुशाली आती है। समाज में सम्मान प्राप्त होता है। प्रणय और भोग का सुख मिलता है। व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा होता है और जीवन में वैभव आता है।
अक्षय रूप से धन प्राप्ति : अक्षय लक्ष्मी की चाह हो तो दीपावली की रात्रि में श्री लक्ष्मी सूक्त श्री पुरुष सूक्त एवं श्री कनक धारा स्तवन का 7-7 बार पाठ करें तथा हत्था जोड़ी की पूजा करके रेशमी लाल कपड़े में बांधकर अपने घर की तिजोरी में रखें तथा चाहे तो अष्ट लक्ष्मी रूप की साधना करें।
मंत्र : ॐ विष्णु प्रियाय लक्ष्मी शिव प्रियाय सति से प्रकट हुई मां कामाक्षा भगवती आदि शक्ति युगल मूर्त महिमा अपार, दोनों की प्रीति अमर जाने संसार दुहाई कामाक्षा की आय बढ़ा व्यय घटा दया कर माई।
ॐ नम: विष्णु प्रियाय ॐ नम: शिव प्रियाय ॐ नम: कामाक्षाय ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं फट स्वाहा।
किसी भी थाली में गाय के घी के 8 दीपक जलाएं। गुलाब की अगरबत्ती जलाएं। लाल फूलो की माला चढ़ाएं। मावे की बर्फी का भोग लगाएं। अष्टगंध से श्रीयंत्र और अष्ट लक्ष्मी के चित्र पर तिलक करें और कमलगट्टे हाथ में लेकर इस मंत्र का यथासंभव जाप करें।
मंत्र: ऐं ह्रीं श्रीं अष्टलक्ष्मीयै ह्रीं सिद्धये मम गृहे आगच्छागच्छ नमः स्वाहा।।
जाप पूरा होने के बाद आठों दीपक घर की आठ दिशाओं में लगा दें तथा कमलगट्टे घर की तिजोरी में स्थापित करें। इस उपाय से जीवन के आठों वर्गों में सफलता प्राप्त होगी।