Diwali Festival: आज से दीपावली का पांच दिवसीय महोत्सव आरंभ, जानें हर जिज्ञासा का हल

punjabkesari.in Sunday, Oct 23, 2022 - 08:16 AM (IST)

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Diwali Festival: आज से दीपावली के पांच दिवसीय महोत्सव का आरंभ हो रहा है। इन 5 दिनों से संबंधित आपके मन में कोई भी जिज्ञासा है तो आइए ज्योतिषाचार्य डॉ नवीन शर्मा के संवाद से जानने का प्रयास करते हैं-

प्रश्न भारतीय पांच दिवसीय महोत्सव कब मनाया जाता है ?
उत्तर भारतीय सनातन परम्परा में कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी से शुक्ल पक्ष की द्वितीया तक पांच दिवसीय पर्वों का महोत्सव मनाया जाता है।    
     
प्रश्न धनवंतरी जंयती एवं धन त्रयोदशी कब है?
उत्तर 23 अक्तूबर, 2022 रविवार प्रदोष व्यापिनी 17:44 से 18:04 तक है।    
                             
प्रश्न धनवंतरी जयंती एवं धन त्रयोदशी क्यों मनाई जाती है ?
उत्तर ऐसी मान्यता है कि जब सतयुग में समुद्र मंथन हुआ तो आयुर्वेद के जनक आरोग्य प्रदान करने वाले भगवान धनवंतरी और देवी लक्ष्मी का प्राकट्य इसी दिन हुआ। आरोग्य धन सभी धनों में प्रधान धन होता है, अतः कहा भी गया है पहला सुख निरोगी काया। इस दिन भारतवासी आरोग्य धन की सुरक्षा एवं धन का सदुपयोग करने का संकल्प लेते हैं।    

प्रश्न धन त्रयोदशी को नए बर्तन आदि खरीदने का शास्त्रीय कारण क्या है ?
उत्तर वर्तमान काल में धन त्रयोदशी के दिन सोने-चांदी के आभूषण, वाहन और नवीन बर्तन, वस्त्र आदि क्रय करने की लोक परम्परा भी प्रचलित हो गई है परन्तु यह शास्त्रीय नहीं है ।    

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प्रश्न इस दिन और क्या-क्या किया जाता है ?      
उत्तर लक्ष्मी नारायण के पूजन के बाद यम के लिए अन्न, वस्त्र, औषधियां एवं यम के लिए दीपदान करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता, ऐसा शास्त्रों में कहा गया है। सांय दक्षिण अभिमुख होकर जल, तिल और कुश लेकर यम हेतु तर्पण करने का भी विधान है। शास्त्र खरीदना और यथा योग्य दान देना भी इस दिन विशेष लाभकारी होता है।

प्रश्न नरक चतुर्दशी कब है?
उत्तर 24 अक्टूबर, 2022 सोमवार को चन्द्रोदय और सूर्योदय व्यापिनी चतुर्दशी है। अतः इसी दिन नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी।        
   
प्रश्न नरक चतुर्दशी क्यों मनाई जाती है ?                  
उत्तर भगवान श्रीकृष्ण जी ने इस दिन नरकासुर का वध करके 16000 कन्याओं को उस राक्षस से मुक्त किया था। इसी दिन हनुमान जी ने अहिरावण का वध भी किया था। अतः इस दिन हमारे चित्त में नरकासुर की तरह नकारात्मक प्रवृतियों यानि आदतों को खत्म करने का संकल्प लेना चाहिए।

नरक चौदस के दिन सूर्योदय से पूर्व तैलाभ्यंग (तिल के तेल से मालिश) करके स्नान करना चाहिए, ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से मनुष्य को यमलोक के दर्शन नहीं करने पड़ते।  इसके बाद (बिजली, अग्नि, उल्का आदि से मृतकों की शान्ति के लिए) चार मुख वाले दीपक को प्रज्वलित करके यथा शक्ति दान दें  यह नरक चतुर्दशी छोटी दीपावली के नाम से भी जानी जाती है।

प्रश्न दीपावली कब है ?
उत्तर 24 अक्टूबर, 2022 को प्रदोष व्यापिनी कार्तिक अमावस्या 17:28 बजे प्रारंभ हो जाएगी। जो 25 अक्टूबर मंगलवार को 16:29 तक रहेगी परंतु प्रदोष कालीन अमावस्या 24 को ही है तथा 25 को ग्रहण भी है अतः इस दिन कोई भी पर्व नहीं मनाया जाएगा।
 
प्रश्न दीपावली क्यों मनाई जाती है ?        
उत्तर भगवान श्रीराम, रावण का वध करके इस दिन अयोध्या वापस आए थे, तब अयोध्या वासियों ने घी के दीपक जलाए थे। महाभारत के आदि पर्व के अनुसार इस दिन पाण्डव वन से लौटे थे तो प्रजाजनों ने उनके स्वागत में नगरों को सजाकर उत्सव मनाया था ऐसा कहा जाता है। राजा बलि ने सम्पूर्ण भूमंडल को जीतकर प्रजा की धन-सम्पत्ति को हर लिया था और देवताओं को भी जीत लिया था। तब भगवान विष्णु ने वामनावतार धारण करके राजा बलि का उद्धार किया था।                            

प्रश्न दीप दान यानि दीप किस समय जलाए जाएं तथा लक्ष्मी पूजा कब की जाए ?
उत्तर दीपावली के दिन प्रदोष काल सायं 17:43 से 20:19 तक रहेगा एवं वृष लग्न 18:53 से 20:48 तक रहेगा। परन्तु चर की शुभ चौघड़िया 19:20 तक रहेगी। अतः इस समय सत्य और ज्ञान के प्रतीक स्वरूप दीपदान करके अपने घर के पूजा स्थान में मंत्र पूर्वक दीप प्रज्वलित करके श्री गणेश, महालक्ष्मी, कुबेर, बही खाता आदि की यथा विधि पूजा करनी चाहिए या ब्राह्मणों से करवानी चाहिए। यदि यह समय निकल जाए तो 22:35 से 24:12 तक लाभ की चौघड़िया ही महालक्ष्मी पूजन हेतु प्रशस्त होगी । दीपदान करने से शारीरिक एवं आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है।

प्रश्न निशीथ काल कब है, इस समय क्या किया जाता है ?
उत्तर यह काल रात को 20:19 से 22:55 तक रहेगा। इस अवधि में श्री सूक्त, कनक धारा स्तोत्र, लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करना चाहिए ।

प्रश्न महानिशीथ काल कब है, इस समय क्या किया जाता है ?
उत्तर यह काल रात को  22:55 से अर्धरात्रि 25:31 तक रहेगा। इसी समय लाभ की चौघड़िया तथा कर्क लग्न भी अत्यन्त शुभ रहेगा । इस महा निशीथ काल में काली उपासना, तन्त्र क्रियाएं, विशेष काम्य प्रयोग, तन्त्र अनुष्ठान, साधनाएं एवं यज्ञ आदि किए जाते हैं ।

प्रश्न गोवर्धन व अन्नकूट पूजन तथा भ्रातृ द्वितीया/ यम द्वितीया कब है, इस दिन क्या किया जाता है?
उत्तर 26 अक्टूबर, 2022 बुधवार को गोवर्धन पूजन किया जाता है एवं भगवान के आगे अन्नकूट धर कर भोग लगाया जाता है।
कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया 26 अक्टूबर को भाई दूज का शुभ मुहूर्त 14:43 बजे के बाद रहेगा। भाई-बहन के हृदय में एक-दूसरे के प्रति दिव्य प्रेम भाव प्रकट होता है। इसी दिन यमी ने अपने भाई यमराज को भोजन कराया था। यमराज के खुश होने पर यमी ने यह वरदान पाया था कि इस दिन जो बहन अपने भाई को तिलक लगाएगी वह भाई बुद्धिमान हो और यमपाश से बचे। इसी दिन अपराह्न काल के समय 13:18 से 15:30 तक) चित्रगुप्त और यमदूतों सहित यमराज का पूजन और यम के लिए अर्घ्य दान किया जाता है ।  

यदि परिस्थितिवश जो इस दिन भाई दूज संबंधी कृत्य न कर सकें वे 27 अक्टूबर को 11:07 बजे से 12:46 तक भी कर सकते हैं ।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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