Diwali 2020: इस बार 5 नहीं 4 दिन का होगा दिवाली उत्सव, ग्रहों ने बनाया ऐसा संयोग

Friday, Nov 06, 2020 - 12:58 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है, जो इस बार 14 नवंबर को पड़ रहा है। हालांकि अमावस्या तिथि इस बार 14 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से आरंभ होगा, जो 15 नवंबर को प्रातः 10 बजकर 36 मिनट तक रहेगी। सनातन धर्म के इस पावन व प्रमुख पर देवी विशेष रूप से देवी लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। तो वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के साथ 5 दिवसीय पर्व शुरू होत जाता है, जो भाई दूज तक चलता है।

परंतु कहा जा रहा है इस बार 5 दिन का ये त्यौहार 4 दिन चक रह चुका है। जी हां, बता दें इस बार धनतेरस का पर्व 13 नवंबर को मनाया जाएगा। इसके अलावा दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली जिसे काली चौदस तथा नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है, आदि दिवाली के ही दिन मनाई जाएगी। 15 नवंबर को गोवर्धन पूजा से तथा 16 नवंबर को भाई दूज का त्यौहार मनाया जाएगा।

मगर ऐसा क्यों हैं, आखिरकार ग्रहों की ऐसी क्या स्थिति बदली है, जिस कारण इस बार ये सारे त्यौहार 5 दिन के नहीं बल्कि 4 दिन के अंतर्गत मनाया जा रहा है। चलिए विस्तारपूर्वक जानते हैं-

ज्योतिषियों की मानें इस बार दिवाली पर ग्रहों की स्थिति के बारे में कहा जा रहा है कि इस दिन गुरु ग्रह अपनी स्वयं की राशि यानि धनु में तथा शनि के स्वराशि में मकर रहेंगे। इसके अलावा शुक्र ग्रह कन्या राशि में रहेंगे। विद्वानों का मानना है कि दिवाली पर तीन ग्रहों का यह दुर्लभ संयोग में इससे पहले 1521 बना था। जो काफी प्रभावशाली साबित होने वाला है।

इसके साथ ही बताया जा रहा है कि कई वर्षों बाद दिवाली शनिवार के दिन मनाई जा रही है, जिसे बहुत ही दुर्लभ माना जाता है। शनिवार और शनि का स्वयं की राशि मकर में होना सभी के लिए मंगलकारी रहेगा। इस बार दिवाली पर खास बात यह है कि दिवाली 17 साल के बाद सर्वार्थसिद्धि योग में मनाई जाएगी। इसके पहले 2003 में ऐसा योग बना था। ऐसे में दिवाली से कुछ दिन पहले ही कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं जिस कारण से नई चीजों की खरीदारी करना बहुत ही शुभफलदायक रहने वाला होगा।

अमावस्या तिथि
दिवाली पर अमावस्या तिथि पर लक्ष्मी पूजन किया जाता है। इस बार अमावस्या तिथि 14 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से आरंभ होगी और 15 नवंबर को सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक रहेगी।  


इसके अलावा त्रयोदशी तिथि 12 नवंबर की रात 9 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर 13 नवंबर की शाम को 6 बजे खत्म हो जाएगी। इस दिन प्रदोष व्रत के साथ-साथ इसी दिन धनतेरस का पर्व भी मनाया जाएगा।

 

Jyoti

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