Diwali 2020: इस दिवाली रुठी मां लक्ष्मी को मनाना है तो अपनाएं ये बातें

Wednesday, Nov 04, 2020 - 02:10 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
दिवाली का पर्व इस बार 14 नवंबर को मनाया जाने वाला है। बहुत ले लोगों के मन में दिवाली को लेकर अजमंजस चल रही थी, कि अमावस्या तिथि इस बार 15 को है तो दिवाली का पर्व 14 को क्यों मनाया जाएगा। इससे जुड़ी जानकारी हम आपको अपनी वेबसाइट के माध्यम से दे चुके हैं। जानकारी लेने के लिए आप किल्क कर सकते हैं यहां।

अब आगे भी हम आपको कुछ ऐसा बताने वाले हैं कि जो दिवाली से जुड़ा हुआ है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दिवाली की रात तो सनातन धर्म से संबंध रखने वाले समस्त प्राणी लक्ष्मी गणेश की पूजा करते हैं। कहा जाता है इस दिन इनती पूजा-अर्चना से जातक को अपार धन संपत्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यही कारण है कि लगभग हर कोई इस दिन इनकी आराधना करता है। जी हां, आप सही समझ रहे हैं हम आपको इसी से संबंधित संदर्भ में बताने जा रहे हैं। 

दरअसल आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति सूत्र में देवी लक्ष्मी से जुड़ी ऐसी कुछ बातें बताई हैं। जिनका संबंध दिवाली से है। जी हां, बल्कि अगर आप भी इस दिवाली इन बातों के अपना लेंगे तो आपकी खाली तिजोरी धीरे-धीरे भरने लगेगी। 

आचार्य चाणक्य के अनुसार किसी भी व्यक्ति को व्यर्थ में पैसे खर्च नहीं करने चाहिए। जो व्यक्ति अपने घर का पैसा व्यर्थ में खर्च करता है, उसके जीवन में धीरे-धीरे धन की कमी होने लगती है। इसलिए हर किसी पैसा सिर्फ उतना ही खर्च करना चाहिए, जितनी व्यक्ति को ज़रूरत हो। बेहिसाब धन का खर्च करने वाले व्यक्ति पर देवी लक्ष्मी रुष् हो जाती है, जिससे जीवन में पैसों की कमी का सामना करना पड़ता है। तो अगर आप चाहते हैं कि इस दिवाली को आप पर देवी लक्षअमी रुष्ट न हो तो अपनी इस आदत को आज ही बदल दें।  
अक्सर लोगों को कहते सुना है अगर पैसा अधिक हो तो उसे संभालकर रखना चाहिए। परंतु बता दें इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं होता कि दन को किसी पोटली में बांधकर रख लिया जाए। ब्लकि इसे रखने व संभालने का सही तरीका आना चाहिए। जो व्यक्ति अपने धन का सही जगह निवेश करता है उसके धन-धान्य में हमेशा वृद्धि होती है। 
जिस तरह धन की देवी लक्ष्मी को माना जाता है, ठीक उसी तरह धन के देवता कुबेर देव को माना जाता है। इसलिए लक्ष्मी माता के साथ-साथ कुबेर देव की पूजा भी करनी अत्यंत लाभकारी मानी जाती है। 

आमतौर पर देखा जाता है पैसों आदि के बारे में बातचीत करते समय अगर घर क बच्चे दखल देते हैं उन्हें रोक-टोक दिया जाता है। परंतु चाणक्य के अनुसार आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए घर के बच्चों को भी पूरा योगदान मिलना चाहिए। साथ ही उन्हें घर की आर्थित स्थिति से अच्छे से रूबरू भी करवाना चाहिए, ताकि उन्हें  भविष्य में चीज़ों संभलाने में किसी तरह की कोई मुश्किल न हो। 
 

Jyoti

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