दिवाली पर क्यों दीयों से सजाया जाता है घर, जानें परंपारिक और वैज्ञानिक कारण

Saturday, Oct 19, 2019 - 11:48 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ 
27 अक्टूबर को हर जगह धूम-धाम से वाली का त्यौहार मनाया जाएगा। इस दिन लोग अपने घर-दुकान आदि को सजाते हैं। मान्यता है इस दिन श्री राम अपने 14 वर्ष के बनवास के बाद अपनी नगरी अयोध्या पधारे थे, जिसकी खुशी में नगर वासियों ने अपने घरों आदि को सजाकर खुशियां मनाई थी। यही कारण है कि आज भी दिवाली से पहले ही लोग अपने घरों को संवारने में लग जाते हैं। इन सब एक मान्यता प्रमुख है जो है दिवाली के अवसर पर दीप माला करने की। इस दिन लोग अपने घरों आदि में दीपमाला करते हैं। हर जगह रंग-बिरंगी लाइट्स के साथ दीयों की रोशनी दिखाई देती है। परंतु आख़िर दीप माला की ये परंपरा आदि कैसे शुरू हुई। अगर आप भी ये जानने के इच्छुक है तो आइए हम आपको बताते हैं इसके परंपारिक कारण के साथ-साथ वैज्ञानिक कारण भी।

दरअसल दिवाली के कुछ दिन पूर्व दशहरा मनाया जाता है। अगर धार्मिक मान्यताओं की मानें तो  इस दिन यानि दशहरा पर भगवान राम ने रावण का वध कर उसके साथ-साथ बुराई को खत्म कर विजय पाई थी। जिस कारण इस दिन को आज तक बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। तुलसीदास जी की रामायण में वर्णन मिलता है कि भगवान राम के 14 वर्ष वनवास काट कर अयोध्या वापिस आने पर अयोध्यावासियों ने उस दिन दीये जलाकर उनका स्वागत किया। माना जता है इस दिन कार्तिक मास की अमावस्या तिथि थी। जिसके बाद से हर साल कार्तिक माह के अमावस्या तिथि को दीये जलाए जाते हैं और दिवाली मनाई जाती है। अब ये हुई पारंपारिक कारण की।

अब बात करते हैं वैज्ञानिक कारण की, माना जाता है दिवाली के दिन दीये जलाने से एक वैज्ञानिक कारण जुड़ा हुआ है। असल में कहा जाता है ये वो समय है जब मौसम में बदलाव आता है, यानि वर्षा ऋतु के बाद शरद ऋतु का आगमन होता तो मच्छरों आदि का प्रकोप अधिक बढ़ जाता है। वैज्ञानिकों की मानें, दीए जलाने से मच्छर उस ओर आर्किषत होते हैं और दीये की लौ से जलकर मर जाते हैं। जिस कारण दिवाली के दिन दीये जलाए जाते हैं।

 

Jyoti

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