Diwali: दिवाली से जुड़ी हैं ये कथाएं, परंपराएं और रीति-रिवाज

Friday, Nov 10, 2023 - 07:56 AM (IST)

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Diwali 2023: दिवाली अथवा दीपावली भारत का सर्वाधिक प्रसिद्ध त्यौहार है। इसे रोशनी का पर्व भी कहा जाता है क्योंकि यह अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है।



Stories related to Diwali दिवाली से जुड़ी कथाएं
दिवाली का एक समृद्ध इतिहास है जो हिंदू पौराणिक कथाओं में निहित है। ऐसा माना जाता है कि यह राक्षस राजा रावण को हराने के बाद भगवान राम की अयोध्या वापस लौटे थे। उनके वनवास समाप्ति पर अयोध्या के लोगों ने दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था। उसी की याद में दिवाली का पर्व मनाया जाता है। इसके साथ ही इस दिन से भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर का वध करने की कथा भी जुड़ी हुई है। यह कथा भी बुराई पर अच्छाई की विजय को बताती है।

Importance of Diwali दिवाली का महत्व
दिवाली का अत्यधिक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह अज्ञान और अंधकार पर प्रकाश, ज्ञान और धार्मिकता की जीत का प्रतीक है। यह अपने भीतर के प्रकाश पर चिंतन करने और नकारात्मकता के अंधेरे को दूर करने का समय है। दिवाली पर दीपों और दीयों की रोशनी हमारी आंतरिक चेतना के जागरण का प्रतिनिधित्व करती है।



Five days of Diwali दिवाली के पांच दिन
दिवाली पांच दिवसीय त्योहार है, प्रत्येक दिन का अपना अलग महत्व है:
Dhanteras धनतेरस: यह दिवाली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है, जो धन और समृद्धि की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन लोग अक्सर सोना या चांदी खरीदते हैं।

Narak Chaturdashi (Chhoti Diwali) नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली): यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है क्योंकि भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को हराया था।

Diwali दिवाली: त्योहार का मुख्य दिन जब घरों को रंगीन रंगोली पैटर्न, तेल के लैंप और मोमबत्तियों से सजाया जाता है। परिवार लक्ष्मी पूजा के लिए एक साथ आते हैं, धन और समृद्धि की देवी का आशीर्वाद मांगते हैं।

Govardhan Puja गोवर्धन पूजा: यह दिन भगवान कृष्ण द्वारा वृन्दावन के लोगों को मूसलाधार बारिश से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत उठाने की याद में मनाया जाता है। यह प्रकृति और पर्यावरण के महत्व को दर्शाता है।

Bhai Dooj भाई दूज: अंतिम दिन भाइयों और बहनों के बीच के बंधन का जश्न मनाता है। बहनें अपने भाइयों की आरती उतारती हैं और भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं।



Diwali traditions and customs दिवाली की परंपराएं और रीति-रिवाज
दीपक और मोमबत्तियों की रोशनी: तेल के दिए, मोमबत्तियों और सजावटी रोशनी से घरों को रोशन करने का विशेष महत्व माना गया है। ऐसा करने से दैवीय आशीर्वाद मिलता है और व्यक्ति को भौतिक तथा आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।

Making Rangoli रंगोली बनाना: महिलाएं अपने घरों के प्रवेश द्वार पर सुंदर रंगोली डिज़ाइन बनाती हैं। ये रंगीन पैटर्न रंगीन पाउडर, चावल या फूलों की पंखुड़ियों से बनाए जाते हैं।

Fireworks and Crackers आतिशबाजी और पटाखे: दिवाली अपनी रंगीन आतिशबाजी और पटाखों के लिए जानी जाती है, जो अंधेरे पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है।

Exchanging gifts उपहारों का आदान-प्रदान: दिवाली के दौरान उपहारों और मिठाइयों का आदान-प्रदान एक आम परंपरा है। यह प्रेम और सद्भावना का संकेत है।

Special sweets and dishes विशेष मिठाइयां और व्यंजन: स्वादिष्ट मिठाइयां और समोसा, खीर और पूरन पोली जैसे पारंपरिक व्यंजन तैयार करना और साझा करना उत्सव का एक हिस्सा है।



New clothes नए कपड़े: दिवाली पर नए कपड़े पहनने की प्रथा है, जो एक नई शुरुआत और पुरानी आदतों को छोड़ने का प्रतीक है।

Regional variations related to Diwali दिवाली से जुड़ी क्षेत्रीय विविधताएं
दिवाली पूरे भारत में क्षेत्रीय विविधताओं के साथ मनाई जाती है। उत्तर भारत में इसे अक्सर भगवान राम की कहानी से जोड़ा जाता है, जबकि दक्षिण भारत में इसे देवी लक्ष्मी से जोड़ा जाता है। प्रत्येक क्षेत्र के अपने अनूठे रीति-रिवाज और परंपराएं हैं, जो त्योहार की विविधता और समृद्धि को बढ़ाते हैं।

दिवाली प्रकाश, खुशी और एकजुटता का उत्सव है। यह परिवारों और समुदायों को करीब लाता है क्योंकि वे बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं। उपहारों का आदान-प्रदान, दीयों की गर्माहट और स्वादिष्ट व्यंजन सभी उत्सव की भावना में योगदान करते हैं।

जैसे ही हम दिवाली पर अपने दीपक जलाते हैं, आइए त्योहार के गहन संदेश को याद रखें: सबसे अंधेरे समय में, ज्ञान, अच्छाई और प्रेम की रोशनी छाया को दूर कर सकती है। दिवाली एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करती है कि चाहे दुनिया कितनी भी अंधेरी क्यों न हो, हमारे भीतर की रोशनी में चमकने और सकारात्मक बदलाव लाने की शक्ति है।



आचार्य हिमानी शास्त्री
ज्योतिष एवं वैदिक देवस्थापति
dr.himanij@gmail.com

Niyati Bhandari

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