अलग पहचान बनाने के लिए परिश्रम आवश्यक

Wednesday, Nov 22, 2017 - 05:44 PM (IST)

जार्ज बर्नार्ड शॉ अंग्रेजी के प्रसिद्ध लेखक थे लेकिन उन्हें यह प्रसिद्धि आसानी से नहीं मिली थी। इसके लिए उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा था। जैसे-जैसे उनकी रचनाओं को पाठकों की सराहना मिलती गई, वैसे-वैसे वह सफलता की बुलंदियों को छूते गए। इसके बाद उन्हें आए दिन अनेक कार्यक्रमों में शामिल होने के निमंत्रण मिलने लगे।

 

वह बड़े हंसमुख और मिलनसार थे। इसलिए उनके चाहने वालों की एक लंबी सूची थी। एक दिन उन्हें एक कालेज के कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम के दिन वह तय समय पर कालेज पहुंच गए। जब कार्यक्रम समाप्त हुआ, तो उनका ऑटोग्राफ लेने वालों की भीड़ इकट्ठा हो गई।

 

उसी भीड़ में से एक नौजवान ने उनके पैर छुए और अपनी हस्ताक्षर पुस्तिका देते हुए बोला, ‘‘सर मुझे साहित्य पढने का बहुत शौक है और मैंने आपकी सभी पुस्तकें पढ़ी हैं। आप मेरे प्रिय लेखक हैं। मैं अपने जीवन में अभी तक पहचान नहीं बना पाया हूं लेकिन बनाना चाहता हूं। इसके लिए आप मुझे कोई संदेश देकर अपने हस्ताक्षर करें तो बहुत मेहरबानी होगी।’’

 

जॉर्ज नौजवान की बात पर मुस्कुराए और हस्ताक्षर पुस्तिका पर एक संदेश लिखकर अपने हस्ताक्षर किए। नौजवान ने देखा तो लिखा था, ‘‘अपना समय दूसरों के हस्ताक्षर इकट्ठा करने में नष्ट न करें बल्कि खुद को इस योग्य बनाएं कि दूसरे आपका हस्ताक्षर प्राप्त करने को उत्सुक हों। अपनी अलग पहचान बनाने के लिए मेहनत बहुत आवश्यक है।’’

 

यह पढ़कर नौजवान ने उनके पैर छू लिए और बोला, ‘‘सर, मैं आपके इस संदेश को जीवन भर याद रखूंगा और अपनी एक अलग पहचान बनाकर दिखाऊंगा।’’ जॉर्ज बर्नार्ड शॉ ने नवयुवक की पीठ थप-थपाई और आगे बढ़ गए।

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