Digha- सुंदर मंदिरों और सागर तटों की धरती

Saturday, May 08, 2021 - 07:52 AM (IST)

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Digha tourism: कुदरत के तीन ओर समुद्र है, अत: सागर तटों की यहां कमी नहीं है। जब भी समय होता है तो दिल करता है, किसी नई जगह चलें। कोई ऐसी सुंदर और आकर्षक जगह जहां देखने, ठहरने से लेकर हर अनुभव कुछ नया-सा हो।  तो इसी नए की तलाश में हमें पश्चिम बंगाल के एक समुद्री इलाके में पहुंचा दिया जिसे ‘दीघा’ नाम से जाना जाता है।

Digha direction: ‘दीघा’ कोलकाता से 164 किलोमीटर दूर है। यह अब पश्चिम बंगाल के सबसे लोकप्रिय समुद्री तटों में से एक हो गया है। पहले इसे ‘बीरकुल’ नाम से जाना जाता था। इस पर्यटन स्थल की खोज 18वीं शताब्दी में अंग्रेजों ने की। अपनी पत्नी को लिखे एक पत्र में वारेन हेस्टिंग्स ने इसे ‘पूर्व का ब्रिटेन’ खिताब दिया था।

Digha beach: दीघा के समुद्री तट को दुनिया के सबसे सुंदर तथा चौड़े समुद्री तटों में से एक माना जाता है। इसकी खासियत है शांत और धीमी लहरें। लहरों की ऊंचाई ज्यादा नहीं होती, न ही उनमें ज्यादा वेग होता है। इसलिए यहां वे लोग भी निडर हो कर समुद्री स्नान का आनंद लेते हैं जो लहरों से डरते हैं।

What is the best time to visit Digha दो दीघा : दीघा दो भागों में बंटा है। पुराने इलाके को ‘ओल्ड दीघा’ नाम से जाना जाता है। यहां परम्परागत होटल और बाजार हैं। मुख्य बस स्टैंड भी यहां है। शाम को यहां बड़ा शानदार बाजार लगता है और खूब रौनक रहती है। मुख्य रोड से करीब आधा किलोमीटर अंदर जाने पर समुद्री तट मिलेगा। तट बड़ा सुंदर और विशाल है। समुद्र के खारे पाने के कारण असंख्य छेदों के साथ किनारों पर पड़े बड़े-बड़े पत्थरों पर बैठ कर समुद्र को निहारने का अलग ही आनंद है। पर यहां तट अब खतरनाक घोषित कर दिया गया है और पुराने दीघा के समुद्र तट को स्नान के लिए बंद कर दिया गया है। यहां से आप केवल समुद्र को निहार सकते हैं। किनारे पर खाने-पीने की एक से बढ़कर एक दुकानें हैं।

New digha sea beach: इससे करीब डेढ़-दो किलोमीटर दूर ‘न्यू दीघा’ बसा है। यहां के समुद्री तट को संवार कर पर्यटकों के लिए खोला गया है। इस कारण यहां आवाजाही बढ़ गई है। न्यू दीघा में एक से बढ़ कर एक होटल है जहां हर रेंज के कमरे उपलब्ध हैं। जिन्हें होटल का खाना पसंद न हो, वे यहां हर गली-नुक्कड़ पर बने छोटे-मोटे होटल के मालिक को अपना खरीदा हुआ खाने का सामान दे देते हैं और वे उनके सामने मामूली कीमत पर खाना बना देते हैं। 

Why is Digha famous for: क्या देखें : दीघा का समुद्री तट यहां का सबसे बड़ा आकर्षण है। नहाने से लेकर खाने-पीने का सारा सामान यहां उपलब्ध है। बच्चे घूमना चाहें तो कद्दावर घोड़े, उन्हें ‘बीच’ की सैर कराते हैं। आप समुद्र की सैर करना चाहें तो ‘बोट’ उपलब्ध हैं। आपको करीब आधे घंटे की सैर करा कर बोट वापस किनारे पर छोड़ जाएगी।

इसके अलावा यहां का साइंस सेंटर भी देखने लायक है, जहां विज्ञान से जुड़ी बातें आपको रोमांचित कर देती हैं। यहां बने पार्क में भी विज्ञान से जुड़े खेल हैं जिन्हें बच्चे बड़े मजे से खेलते हैं। इसी पार्क का एक हिस्सा ‘जुरासिक पार्क’ नाम से विकसित है। यहां आकर आप डायनासोर युग में पहुंच जाते हैं। यहां एशिया का सबसे बड़ा मैरीन एक्वेरियम भी है।

दीघा की विशेषता है कि यहां की सबसे ज्यादा देखने लायक जगहें करीब 12-14 किलोमीटर की रेंज के अंदर हैं। आप चाहें तो एक दिन में भी इन्हें देख सकते हैं। 

सैर-सपाटे के लिए लोकल बसें, टैक्सियां, थ्री व्हीलर के अलावा ठेला स्टाइल के रिक्शे भी मिलते हैं। इन रिक्शों में 5-6 लोग एक साथ घूम सकते हैं। दीघा के मंदिर बहुत सुंदर हैं। कुछ ही दूर चंदनेश्वर मंदिर की बड़ी महिमा है। यहां से 14 किलोमीटर दूरी पर स्थित है लंकेश्वरी मंदिर। थोड़ी और दूर जाना चाहें तो 45 किलोमीटर दूर कपालकुंडला मंदिर है।

दीघा से थोड़ी दूर एक और समुद्र तट है जो बहुत खुला और भव्य है। इस कारण बंगला फिल्मों की यहां खूब शूटिंग होती है। स्थानीय लोग इसे ‘उदयपुर’ कह कर पुकारते हैं। यहां काजू के पेड़ बहुतायत में हैं जो इसे प्यारे से छोटे-मोटे जंगल का रूप दे देते हैं। 

इसके अलावा तट पर ताड़ के पेड़ों की लम्बी शृंखला है जो इसे भव्यता प्रदान करती है। यहां पर्यटकों को रेतीले तट पर मोटरसाइकिल की सवारी का आनंद दिलाने वाले भी मिल जाएंगे। रेत के छोटे टीले भी यहां के आकर्षण हैं।

अगर आप मछलियों को देखना चाहते हैं तो यहां एक जगह है ‘मोहाना।’ यहां समुद्री मछलियों का बाजार है। बड़े-बड़े जहाज यहां मछलियां लाते हैं जिन्हें मछली व्यापारी खरीद ले जाते हैं। 

यहां बड़ी-बड़ी मछलियों के अलावा छोटी से छोटी सैंकड़ों किस्म की मछलियां आपको देखने को मिलेंगी।

What are the things to do in Digha: क्या खरीदें : दीघा के काजू बड़े अच्छे और ताजे होते हैं। इसके अलावा सीप का सामान खूब मिलता है। सीप से बने गहने बहुत प्रसिद्ध हैं तो इनसे बनी भगवान की मूर्तियां आपको लुभा लेंगी। जूट से बने वॉल हैंगिंग और अन्य सामान भी पर्यटक बहुत पसंद करते हैं और हां यहां का नारियल पानी पीना न भूलिएगा। इतनी कम कीमत में इतना बढिय़ा नारियल पानी शायद पूरे भारत में नहीं मिलेगा।

कैसे जाएं : कोलकाता से दीघा के लिए सुबह-सुबह हर पंद्रह-बीस मिनट में बस चलती हैं। ये बसें चार से पांच घंटे में दीघा पहुंचा देती हैं। इन्हें शहीद मीनार से पकड़ा जा सकता है। हावड़ा से रोजाना दो ट्रेनें दीघा के लिए चलती हैं। हावड़ा पूरे भारत के रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। कोलकाता का नेताजी सुभाष चंद्र बोस हवाई अड्डा सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है जहां उतर कर ट्रेन या रोड से आप दीघा पहुंच सकते हैं।  

 

 

Niyati Bhandari

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