शास्त्रों में इन 3 शिवलिंग से जुड़ा ये रहस्य नहीं जानते होंगे आप !

Monday, May 13, 2019 - 12:26 PM (IST)

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हिंदू धर्म में शिवलिंग की पूजा का कितना महत्व है लगभग सभी इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ़ है। शिव पुराण में कहा गया है कि इसकी पूजा करने से जातक की तमाम इच्छाएं एक झटके में पूरी हो जाती हैं। वैसे तो शिवलिंग की पूजा हर दिन की जा सकती है लेकिन क्योंकि शिवलिंग शिव जी का लिंग रूप है और ज्योतिष शास्त्र में शिव जी की पूजा के लिए सोमवार का दिन निर्धारित है तो इसलिए सोमवार को की गई शिवलिंग की पूजा अति फलदायी मानी जाती है। इसके चलते हर कोई पूरे तन-मन से शुद्ध होकर भोलेनाथ को प्रसन्न करने में जुट जाता है। आज हम आपको शिवलिंग से ही जुड़ी कुछ ऐसी ही बातें बताने जा रहे है जिसके बारे में आप शायद जानते नहीं होंगे।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देवता, मानव और असुर के लिए अलग-अलग शिवलिंग बताए गए हैं। इन शिवलिंगों के स्वरूप और पूजा करने की विधि भी अलग-अलग बताई गई है। जिस तरह मानव की मनोकामना पूर्ति के लिए विशेष प्रकार के शिवलिंग की पूजा की जाती है। उसी तरह देवता और दानवों के लिए भी कुछ खास प्रकार के शिवलिंग की उपासना के बारे में वर्णन मिलता है। शास्त्रों में तीन शिवलिंगों का अपना एक खास महत्व होता है। इसके अनुसार मानव के लिए अलग, देवताओं के लिए अलग और दानव के लिए अलग लेकिन क्या आप ने कभी सोचा कि आखिर ऐसा क्यों है। तो चलिए हम आपको बताते हैं इसके कारण।
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शिव पुराण के मुताबिक भगवान विष्णु ने समूचे संसार के सुख और कामनाओं की पूर्ति के लिए विश्वकर्मा को अलग-अलग शिवलिंग बनाकर देवताओं को देने के लिए कहा था। जिसके बाद विश्वकर्मा ने अलग-अलग प्रकार के धातु और रत्नों से शिवलिंग बनाई।

पारद शिवलिंग-
पारद शिवलिंग ज्यादातर घर, ऑफिस, दुकान आदि जगहों पर रखा जाता है। इसकी पूजा-अर्चना से जीवन में शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

मिश्री शिवलिंग-
शिव पुराण के अनुसार मिश्री शिवलिंग मिश्री, चीनी आदि से बना होता है। कहते हैं कि इसकी पूजा से रोगों का नाश होता है और अन्य तरह की शारीरिक पीड़ा से भी मुक्ति मिलती है।

जौ और चावल के शिवलिंग-
जौ और चावल के शिवलिंग से निर्मित शिवलिंग की पूजा से घर में पारिवारिक समृद्धि और शांति का आगमन होता है। साथ ही संतान सुख से वंचित लोगों को संतान सुख प्राप्त होता है।  

भस्म शिवलिंग
यज्ञ व हवन की राख यानि भस्म से बनाया गए शिवलिंग से पूजा-पाठ में सिद्धियां प्राप्त होती हैं। बता दें कि इसकी पूजा अक्सर अघोरी समुदाय के लोग करते हैं।

गुड़ शिवलिंग-
गुड़ और अन्न से बने इस शिवलिंग की पूजा करने से कृषि और अन्न उत्पादन में वृद्धि होती है।

फल-फूल के शिवलिंग-
फल- फूल से बने शिवलिंग की पूजा करने से भूमि और भवन से जुड़ी समस्याएं दूर होती है। कहते हैं कि फल से बने शिवलिंग की पूजा से घर में अन्न-जल बरकत बनी रहती है।

स्वर्ण-रजत से बने शिवलिंग-
सोने और चांदी से बने शिवलिंग की पूजा से सुख-समृद्धि और धन-वैभव की प्राप्ति होती है।

मिट्टी के शिवलिंग-
मिट्टी के शिवलिंग को पूजन से अकाल मृत्यु से छुटकारा मिलता है।

देव शिवलिंग
शास्त्रों के अनुसार जिस शिवलिंग को देवताओं या अन्य प्राणियों द्वारा स्थापित किया गया हो उसे देवलिंग कहते हैं। वर्तमान समय में धरती पर पारंपरिक रूप से यह देवताओं के लिए पूजित माने जाते हैं।

असुर शिवलिंग-
जिस शिवलिंग की पूजा असुरों द्वारा की जाए वह असुर लिंग कहलाता है। कहा जाता है कि रावण ने एक शिवलिंग स्थापित किया था जो असुर शिवलिंग कहलाया।
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Jyoti

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