रक्षा बंधन और भाई दूज में है क्या है अंतर, जानते हैं आप?

Friday, Jul 31, 2020 - 02:34 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म की मानें तो साल के 365 दिन कोई न कोई त्यौहार मनाया जाता है। जिनका अपना अलग-अलग महत्व भी है। 3 अगस्त को इन्हीं में से एक त्यौहार मनाया जाएगा।  जी हां, आप सही समय रहे हैं हम बात कर श्रावण मास में पड़ने वाली भाद्रपद पूर्णिमा के दिन मनाए जाए वाले रक्षबंधन के त्यौहार की बात कर रहे हैं। इस त्यौहार को देश के कई हिस्सों में मनाया जाता है। मगर इस त्यौहार को लेकर एक कन्फ्यूजन है जो लगभग हर किसी को है। जो है, भाई दूज और रक्षा बंधन। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये दोनों त्यौहार भाई-बहन से जुड़े हुए हैं। तो चलिए अगर आपके दिमाग में भी ये सवाल है तो आपको बताते हैं भाई दूज और रक्षा बंधन के त्यौहार में क्या फर्क है। 

सबसे पहले बता दें रक्षा बंधन का त्यौहार हिंदू धर्म के अनुसार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है वहीं भाई दूज कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है। बता दें भाई दूज दीपावली के पांच दिनी महोत्सव का अंतिम दिन होता है। 

इन दोनों के बीच क्या है अंतर- 
धर्म शास्त्रों के अनुसार रक्षा बंधन का प्रारंभ इंद्र, राजा बली और श्रीकृष्ण के कारण हुआ था। तो अगर बात करें भाई दूज की तो इसका संबंध यमराज से, जिस कारण इस तिथि को यम द्वितीया भी कहा जाता है। 

बहुत कम लोग जानते हैं कि रक्षा बंधन के दिन बहनों का खास महत्व होता है, इस दिन विवाहित बहनों को भाई अपने घर बुलाकर उससे राखी बंधवाते हैं तथा उन्हें उपहार देते हैं। जबकि भाई दूज के दिन बहनें अपने भाईयों अपने घर बुलाकर उन्हें तिलक लगाकर तथा आरती उतारकर उन्हें भोजन खिलाती हैं साथ ही उनकी सलामती की कामना करती हैं 

रक्षा बंधन के त्यौहार को संस्कृत में रक्षिका व रक्षा सूत्र बंधन के नाम से कहा जाता है, इसके विपरीत बात करें भाई दूज की तो संस्कृत में इसे भागिनी हस्ता भोजना कहा जाता है।

प्रचलित परंपराओं के अनुसार रक्षा बंधन के दिन 'रक्षा सूत्र' मौली या कलावा बांधने की परंपरा है जबकि भाई दूज में ऐसा नहीं है, कहा जाता है भाई दूज किसी अन्य परंपरा से निकला त्यौहार नहीं है। रक्षा बंधन पर बहनें अपने भाई को राखी बांधती हैं जबकि भाई दूज पर सिर्फ तिलक लगाने की परंपरा प्रचलित है। 


 

Jyoti

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