क्या सच में किन्नरों को मिला था भगवान राम से वरदान ?

Friday, Jun 07, 2019 - 04:39 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
किन्नरों को अक्सर सबने किसी न किसी शुभ कार्यों में देखा ही होगा। इनको लेकर अक्सर हमारे समाज में एक जिज्ञासा बनी रहती है। कि ये लोग रहते कहां हैं? और साथ ही लोगों को आशीर्वाद देने की शक्ति कहां से मिली? इन सबसे जुड़े बहुत से सवाल हर व्यक्ति के मन में उठते ही हैं। कुछ मान्यताओं के अनुसार भगवान राम से इनको वरदान प्राप्त है। लेकिन इन सवालों के जवाब जानने से पहले ये बात जान लेते हैं कि क्या त्रेतायुग में भगवान राम के समय में भी इस पृथ्वी पर मौजूद थे किन्नर? 

मान्यता है कि प्रभु राम जब 14 वर्ष का वनवास काटने के लिए अयोध्या छोड़ने लगे, तब उनकी प्रजा और किन्नर समुदाय भी उनके पीछे-पीछे चलने लगे थे। तब श्रीराम ने उन्हें वापस अयोध्या लौटने को कहा। लंका पर विजय के पश्चात जब श्रीराम 14 साल बाद वापस अयोध्या लौटे तो उन्होंने देखा बाकी लोग तो चले गए थे, लेकिन किन्नर वहीं पर उनका इंतजार कर रहे थे। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर प्रभु श्रीराम ने किन्नरों को वरदान दिया कि उनका आशीर्वाद हमेशा फलित होगा। तब से बच्चे के जन्म और विवाह आदि मांगलिक कार्यों में वे लोगों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

भूलकर भी किन्नर समुदाय की बद्दुआ न लें, क्योंकि ऐसा होने पर बहुत तरह की विपत्तियों का सामना करना पड़ सकता है। बुजुर्ग लोग भी बता गए हैं कि यदि आप इन्हें खुश न कर सकें तो कभी उन्हें नाराज भी न करें। शास्त्रों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किन्नरों का अपमान करता है या उनका मजाक उड़ाता है तो उसे अगले जन्म में किन्नर बनना पड़ता है और ऐसा ही अपमान सहना पड़ता है। 

दान करें ये चीज़ें 
किन्नरों को श्रृंगार का बहुत शौक होता है, ऐसे में उन्हें खुश करने के लिए सुहाग की सामग्री दान में दें। जीवनसाथी के साथ आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र और मेंहदी का दान भी किया जा सकता है। यदि खूब मेहनत करने के बावजूद आपसे लक्ष्मी रूठी हुई हैं तो आप बुधवार वाले दिन किसी किन्नर के हाथ में पूजा की सुपारी के ऊपर सिक्का रखकर दान दें। 

Lata

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