Dharmik Katha: हर किसी को समान लाभ देता है मंत्र जप?

Saturday, Jul 30, 2022 - 10:28 AM (IST)

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एक बार स्वामी रामकृष्ण परमहंस से एक जिज्ञासु ने पूछा, ‘‘क्या मंत्र जप सबको समान लाभ देते हैं?’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘नहीं!’’ 

तो जिज्ञासु ने पूछा, ‘‘क्यों?’’ 

परमहंस जी के समझाने के तरीके भी अनोखे थे। उन्होंने उस जिज्ञासु को एक कथा सुनाई जो इस प्रकार है: 

एक राजा था। उसका मंत्री प्रतिदिन जप करता था। एक दिन उस राजा ने भी मंत्री से यही प्रश्र पूछा, ‘‘क्या मंत्र जप सबको समान लाभदायक होता है?’’ 

मंत्री ने कहा, ‘‘जी नहीं महाराज! सबको समान लाभदायक नहीं होता।’’ 
 

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तब राजा ने भी ‘क्यों’ करके कारण पूछा। कुछ दिन तो मंत्री टालता रहा लेकिन जब राजा रोज आग्रह करने लगा तो मंत्री ने एक दिन इसका समाधान करने का निश्चय किया।

वह राजा को एकांत में ले गया और एक अजनबी बालक को बुला भेजा। मंत्री ने बच्चे से कहा, ‘‘बेटा! जाओ और इस राजा के गाल पर दो-चार झापड़ जड़ दो तो, ये रोज-रोज मुझे प्रश्र पूछता है?’’ 

उस बालक ने मंत्री की बात पर कोई ध्यान नहीं दिया और चुपचाप खड़ा रहा।

तभी राजा को गुस्सा आया। वहां कोई सेवक और सैनिक तो था नहीं अत: राजा ने उसी बच्चे को आदेश दे डाला, ‘‘बालक! जा और दो-चार चांटे इस मंत्री को ही लगा ताकि इसे भी महाराज का अपमान करने का अहसास हो जाए।’’ 

बच्चे ने तुरन्त महाराज के आदेश का पालन किया और तड़ातड़ मंत्री के झापड़ लगा दिए। मंत्री शांतचित खड़ा रहा और बोला, ‘‘महाराज! मंत्र शक्ति भी इस बालक की तरह ही है, जो केवल अधिकारी व्यक्ति के आदेश का पालन करती है। जिसे इतना विवेक होता है कि किसे लाभ देना चाहिए और किसे नहीं। किस पर कृपा बरसानी चाहिए और किस पर नहीं।’’
 

Jyoti

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