धार्मिक कथा- ‘बीरबल की बुद्धि’ से हुआ अनूठा फैसला

Sunday, Mar 21, 2021 - 02:49 PM (IST)

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झारखंड के गढ़वा में घोड़े के असली मालिक का पता लगाने के लिए बीरबल की बुद्धि लगाई गई। दरअसल, यहां एक घोड़े पर चार लोगों ने अपना दावा ठोक दिया था। इस विवाद को सुलझाने के लिए गांव में पंचायत हुई और पंचों के सामने ही घोड़े ने खुद से अपना मालिक ढूंढ लिया।

गढ़वा जिले के डंडई प्रखंड के सूअरजंघा गांव के रहने वाले मंगल भुइयां को 2 महीने पहले जंगल में एक घोड़ा मिला जो कहीं से भटक कर वहां आ गया था। मंगल उसे पकड़ कर अपने घर ले आया लेकिन उसने गांव के लोगों को बताया कि घोड़ा खरीदकर लाया है।

ग्रामीणों ने भी उसकी बात मान ली। उसने घोड़े को ‘तूफान’ नाम दिया और अच्छी तरह से उसकी देखभाल करने लगा। कुछ दिन बाद 2 लोगों ने गांव पहुंच कर उस घोड़े पर अपना दावा ठोका। उन्होंने कहा कि वे लोग घोड़े के व्यापारी हैं और उन्हें पता चला है कि उनका एक घोड़ा इस गांव में आ गया है। मंगल ने उनका विरोध किया और उन्हें बंधक बना लिया। हंगामे के दौरान पास के पचौर गांव से एक और घोड़े का दावेदार वहां पहुंच गया। उसने भी खुद को घोड़े का असली मालिक बताया।

अब स्थिति ऐसी थी कि घोड़ा एक और दावेदार चार-चार थे। विवाद पेचीदा होता देख गांव के मुखिया को मौके पर बुलाया गया। मुखिया ने विवाद सुलझाने के लिए पंचायत बुलाई।

पंचों ने घोड़े को दूर बांध दिया और चारों दावेदारों को बारी-बारी से घोड़े के पास भेजा गया। पचौर गांव के प्रह्लाद को देखते ही घोड़ा उससे लिपटने लगा। घोड़े का व्यवहार देख कर पंचों ने प्रह्लाद को असली मालिक घोषित किया और उसे घोड़ा सौंप दिया।

Jyoti

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