Dhanteras 2020: इस मंत्र का उच्चारण करें बिना जलाएं यम के नाम का दीया तो...

Saturday, Nov 07, 2020 - 01:41 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
दिवाली के त्यौहार का तो लगभग सभी को इंतज़ार होता है, रोशनी का प्रतीक ये त्यौहार देश के बहुत हिस्सों में मनाया जाता है। मगर बहुत कम लोग जानते हैं दिवाली के साथ अन्य और त्यौहार मनाए जाते हैं, जिनका दिवाली की तरह महत्व होता है। हालांकि अपनी वेबसाइट के माध्यम से लगातर हम आपको दिवाली के साथ-साथ इस दौरान मनाए जाने वाले अन्य पर्व के बारे में जानकारी देने के पूरे-पूरे प्रयास कर रहे हैं। इसी कड़ी में हम आपको धनतेरस के बारे में बताते आ रहे हैं। इस दौरान हमने आपको इसके महत्व के साथ-साथ ये भी बताया है कि इस दौरान दीए जलाने का क्या महत्व है, इस दिन कितने दीए और कहां जलाए जाते हैं। अब हम आपको बताने वाले हैं कि दीए जलाते समय कब और कौन सा मंत्र जपना चाहिए।

धार्मिक शास्त्रों में कहा गया है यमराज देव निमित्त जिस घर में दीपदान किया जाता, उस घर में किसी को अकाल मृत्यु नहीं आती। इस दिन शाम को मुख्य द्वार पर 13 सहित और 13 घर के अंदर दीप जलाए जाते हैं। मगर यम  देवता के नाम का दिया परिवार के सोन जाने के बाद घर के बुजुर्गों द्वारा जलाया जाता है, जिसमें सरसों के तेल का उपयोग होता है। ध्यान रहे इस दीए को घर से बाहर दक्षिण दिशा की ओर मुख कर नाली या कुड़े के ढेर के पास रखकर, इस पर जल की छिड़काव करते हए निम्न मंत्र का उच्चारण किया जाता है।

मंत्र-
मृत्युना पाशहस्तेन कालेन भार्यया सह।
त्रयोदश्यां दीपदानात्सूर्यज: प्रीतयामिति।।


मान्यता है कि इस दीए को जलाने से जहां एक तरफ जहां यमराज को प्रसन्नक कर अकाल मृत्यु से छुटकारा मिलता है तो वहीं दूसरी ओर ये दीया घर में मौजद बुराईयों व बुरी शक्तियों का हमेशा हमेशा के लिए नाश कर उन्हें घर से बाहर कर देता है।
 

 

Jyoti

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