Dhanteras 2020: क्या भगवान विष्णु का रूप हैं भगवान धनवंतरि!

Wednesday, Nov 04, 2020 - 05:21 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जिस तरह सनातन धर्म में दिवाली का अधिक महत्व है, ठीक उसी प्रकार उससे पहले मनाए जाने वाले धनतेरस का भी अधिक महत्व है। मगरर आज भी ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है कि आखिर इस दिन को क्यों इतना खास माना जाता है, इस त्यौहार का संबंध किस देवी-देवता से है?

तो अगर आप भी इस बात से अंजान है तो चलिए आपको बताते हैं कि धनतेरस के दिन किसकी पूजा की जाती है। साथ ही साथ बताएंगे कि इस दिन का महत्व किस देवता के साथ जुड़ा हुआ है। लेकिन इससे पहले आपको बता दें कि इस बार दिवाली 14 नवंबर को है, यानि धनतेरस 13 को मनाई जाएगी। शास्त्रों के अनुसार इस दिन देवी लक्ष्मी, प्रथम पूज्य गणेश जी, धनवंतरि भगवान तथा कुबेर देव की पूजा की जाती है। बता दें प्रत्येक साल धनतेरस का त्यौहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। जिसे बहुत ही शुभ माना जाता है। परंपराओं के अनुसार इस दिन सोना, चांदी के आभूषण तथा बर्तन आदि खरीदे जाते हैं।


जानें धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त-
ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार इस साल की धनतेरस का शुभ मुहूर्त 05 बजकर 28 मिनट से लेकर 05 बजकर 59 मिनट तक है। यानि इस समय में धनवंतरि भगवान के साथ-साथ कुबरे देव की पूजा करना लाभदायक साबित होगी। बता दें शास्त्रों के अनुसार इनकी पूजा के लिए सायं काल में करनी अधिक शुभ होती है।
 

श्री हरि विष्णु का रूप हैं धनवंतरि-
धार्मिक शास्त्रों की मानें तो भगवान धनवंतरि श्री हरि विष्णु के रूप माने जाते हैं। जिन्होंने अपने हाथ में अमृत कलश धारण किया होता। कहा जाता है इन्हें पीतल अधिक प्रिय है। यही कारण है कि धनतेरस के दिन खासतौर  पर पीतल के बर्तन आदि खरीद जाते हैं। इनकी पूजा से जातक को आरोग्यता प्राप्त होती है साथ ही साथ इस दिन कुबरे देव की पूजा से धन-धान्य में वृद्धि होती है।

धनतेरस का महत्व
अगर बात इसके महत्व की करें तो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरि समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के साथ अवतरित हुए थे। इनसे जुड़ी एक अन्य मान्यता के अनुसार भगवान धनवंतरि का अवतार चिकित्स विज्ञान के प्रसार के लिए हुआ था। कहा जाता है कि इस दिन को भारत सरकार का आयुष मंत्रालय राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।

अन्य पौराणिक मान्यताओं के अनुसार धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी पूजन करने से धन-धान्य की कमी नहीं होती तो वहीं इस दिन लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा घर लानी भी बहुत शुभ मानी जाती है।

इस दिन संध्याकाल में दीपक जलाने की भी परंपरा प्रचलित है, जिसे यम दीपक कहा जाता है, क्योंकि ये दीपक  यमराज के लिए जलाया जाता है, जिससे अकाल मृत्यु टल जाती है।

Jyoti

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