‘निद्रा से जाग गए श्रीहरि’ शुरू होंगे मांगलिक कार्य

Sunday, Nov 14, 2021 - 03:27 PM (IST)

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कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी की तिथि को देवउठनी एकादशी होती है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव शयन करते हैं और कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन उठते हैं इसीलिए इसे देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है। देवउठनी एकादशी को लोग सुख और समृद्ध जीवन के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थना करते हैं। भक्त दिन भर उपवास रखते हैं। 

देवउठनी एकादशी को विवाह के लिए भी शुभ माना जाता है। उत्तर भारत के राज्यों में कई भक्त भगवान शालिग्राम और पवित्र तुलसी के पौधे का विवाह करते हैं। इस दिन मंदिरों की सजावट की जाती है। यह एकादशी दीपावली के बाद आती है। 

देवउठनी एकादशी शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि शुरू : 14 नवम्बर को सुबह 5.48 बजे।
एकादशी तिथि समाप्त : 15 नवम्बर को सुबह 6.39 बजे।

चातुर्मास का समापन
माना जाता है कि चतुर्मास के दौरान भगवान विष्णु आराम करते हैं। इस वर्ष 20 जुलाई से चातुर्मास की शुरूआत हुई थी। पंचांग के अनुसार इस दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं। देवउठनी एकादशी के दिन 14 नवम्बर को चातुर्मास समाप्त होगा। 

इस एकादशी का महत्व
इस एकादशी तिथि के साथ चतुर्मास अवधि जिसमें श्रावण, भाद्रपद, अश्विन और काॢतक महीने शामिल हैं, समाप्त हो जाती है। माना जाता है कि भगवान विष्णु शयनी एकादशी को सोते हैं और इस दिन जागते हैं। इस प्रकार इसे देवउठना या प्रबोधिनी कहा जाता है। भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्री कृष्ण ने एकादशी को देवी वृंदा (तुलसी) से विवाह किया था। जिन दम्पत्तियों के कन्या नहीं होती, वे जीवन में एक बार तुलसी का विवाह करके कन्यादान का पुण्य अवश्य प्राप्त करें।

पूजा विधि
इस दिन भगवान विष्णु को धूप, दीप, फूल, फल और अघ्र्य आदि अॢपत  करें, मंत्रों का जाप करें। प्रबोधिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन और उनसे जागने का आह्वान किया जाता है। 

इस दिन प्रात:काल उठ कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए और भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए। घर की सफाई के बाद स्नान आदि से निवृत्त होकर आंगन में भगवान विष्णु के चरणों की आकृति बनानी चाहिए। रात्रि के समय परिवार के सभी सदस्य भगवान विष्णु समेत सभी देवी-देवताओं का पूजन करें और घर के बाहर और पूजा स्थल पर दीए जलाने चाहिएं। 

इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु का केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करें। मान्यता है कि ऐसा करने से विष्णु जी प्रसन्न होते हैं तथा मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। गायत्री मंत्र का जाप जरूर करें, माना जाता है इससे स्वास्थ्य अच्छा होता है। 

धन वृद्धि के लिए उपाय
धन वृद्धि के लिए आप एकादशी के दिन विष्णु मंदिर में सफेद मिठाई या खीर का भोग लगाएं। भोग में तुलसी के पत्ते जरूर डालें। इससे भगवान विष्णु जल्दी ही प्रसन्न होते हैं। विष्णु मंदिर में एक नारियल व थोड़े बादाम चढ़ाएं। इस उपाय को करने से आपके सभी अटके कार्य बनने लगेंगे और सुखों की प्राप्ति होगी। 
पीले रंग के कपड़े, पीले फल व पीला अनाज पहले भगवान विष्णु को अर्पण करें, इसके बाद ये सभी वस्तुएं गरीबों व जरूरतमंदों में दान कर दें।  ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा आप पर बनी रहेगी।             
 —मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद 

Jyoti

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