मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन को उमड़े भक्त, आज सजेगा मां चंद्रघंटा का दरबार

Wednesday, Sep 28, 2022 - 11:11 AM (IST)

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नई दिल्ली:
नवरात्रि के दूसरे दिन स्वस्थ्य रहने की कामना के साथ श्रद्धालुओं ने मां ब्रहमचारिणी की अराधना व पूजा अर्चना की। इस दौरान राजधानी के मुख्य मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिली। बता दें कि मां ब्रहमचारिणी ने घोर तपस्या की थी, जिसकी वजह से इन्हें तपश्चारिणी अथवा ब्रहमचारिणी नाम से जाना जाता है। मां का यह स्वरूप सौम्य व अनंत फल देने वाला व रोगमुक्त करने वाला होता है। यही नहीं इनकी उपासना से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार व संयम की वृद्धि होती है। झंडेवाला मंदिर में मां ब्रह्मचारिणी की पूरे विधि-विधान से पूजा की गई। मां के दर्शनों के लिए सुबह से ही भक्त लाईनों में अपनी बारी की प्रतीक्षा करते दिखाई दिए। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर प्रशासन द्वारा मंधुर संगीत की व्यवस्था की गई थी। साथ ही उनके लिए पेयजल की व्यवस्था भी कतारों में खड़े रहने के दौरान की जा रही थी। 

विभिन्न कीर्तन मंडलियों द्वारा मंदिर प्रांगण में मां की महिमा का गुणगान किया गया। वहीं किसी भी आपात स्थिती से निपटने के लिये एम्बुलेंस व अग्निशमन गाडिय़ां हर समय तैयार रखी गईं है। जबकि छतरपुर मंदिर में मां का श्रृंगार लाल रंग के कपड़े पहनाकर किया गया। इस दौरान मां कात्यायनी को सोने-चांदी के आभूषणों से सजाया गया। दर्शनार्थियों के लिए मंदिर में पैक्ड प्रसाद की व्यवस्था की गई है।

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हरिनगर स्थित प्रसिद्ध सिद्धेश्वरी मां संतोषी मंदिर के प्रांगण में 101वें नवरात्र मेला उत्सव का आयोजन किया गया है। संचालक एवं संरक्षक अमित सक्सेना ने बताया कि भक्तों के लिए मंदिर के द्वार 24 घंटे खुले रखे गए हैं ताकि मां के भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े। रोजाना 8-10 हजार भक्तों को प्रसाद वितरित किया जा रहा है। 

मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की आज विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाएगी। मां चंद्रघंटा को सफेद रंग प्रिय होता है और इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा नाम से जाना जाता है। मां दुष्टों का विनाश करने के साथ ही आराधक के लिए शांति प्रदान करने वाली हैं। इनका उपासक सिंह की तरह पराक्रमी और निर्भय हो जाता है। इनके घंटे की ध्वनि सदा अपने भक्तों को प्रेतबाधा से रक्षा करती हैं।

Jyoti

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