Kundli Tv- शनिदेव के इस रूप को देख मंत्रमुग्ध हो जाते हैं भक्त

Saturday, Jun 16, 2018 - 11:23 AM (IST)

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अक्सर देखा जाता है कि प्रत्येक शनि मंदिर में शनि देव की काले रंग की ही प्रतिमा ही स्थापित होती हैं, जिसका लोग तेल के साथ अभिषेक करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इंदौर के जूनी क्षेत्र मे एक एेसा प्राचीन शनि मंदिर है जहां विराजित सिंदूरी शनि महाराज के 16 श्रृंगार किए जाते हैं। इस प्राचीन मंदिर के साथ बहुत से रहस्य जुड़े हैं जिस वजह से ये मंदिर प्रसिद्ध बटोरता जा रहा है। 

इस मंदिर में पूजा करने का ढंग बाकी समस्त शनि मंदिरों से विभिन्न है। कहा जाता है कि इस मंदिर में पूजा करने से कई जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। यहां दूध व जल से शनि देव का अभिषेक करने के बाद फल और सिंदूर से श्रृंगार करके उन्हें राजसी पोशाक पहनाकर तैयार किया जाता है। यह श्रृंगार इतना शानदार होता है कि इसे पूरा होने मे स लगभग 6 घंटे लगते हैं।

कुछ कहा जाता है कि यहां शनि की प्रतिमा देख भक्त डर जाते हैं। लोक मान्यता के अनुसार इस मंदिर में शनि की प्रतिमा 700 सालों से स्थापित है। शनिदेव का मनमोहक रूप भक्तों को अपनी तरफ आकर्षित कर लेता है और भक्त मग्न होकर उन्हें देखते रहते हैं।

 
मंदिर के निर्माण के पीछे एक कथा प्रचलित है की जब ये राज्य जंगलों से घिरा हुआ था उस समय एक अंधे धोबी के स्वप्न में शनिदेव आए और उससे बोले, "जिस पत्थर पर तुम कपड़े धोते हो उस पत्थर में मैं वास करता हूं।" 
 

धोबी बोला, "भगवन! मैं तो अंधा हूं मुझे कैसे पता चलेगा।"

 
जब धोबी सुबह उठा तो उसे सब कुछ दिखने लगा। उसने उस पत्थर की प्राण प्रतिष्ठा करवाई। वहां का इतिहास कहता है कि एक दिन शनि की प्रतिमा स्वयं ही उसी स्थान पर स्थापित हो गई जहां से उसे निकाला गया था। तभी से यहां शनि का विशेष पूजन होना आरंभ हो गया। वैसे तो यहां प्रतिदिन भक्त दर्शनों के लिए आते हैं परंतु शनिवार को विशेष तौर पर भक्त दर्शनों को लिए आते हैं। यहां आने वाले भक्त के अनुसार यहां आने से मन शांत होता है, कोई भी इच्छा अधूरी नहीं रहती। साथ ही जो लोग शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती से पीड़ित होते हैं उन्हें विशेष लाभ मिलता है।
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Jyoti

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