आज का गुडलक करेगा दुर्भाग्य का सफाया

Wednesday, Aug 30, 2017 - 10:47 AM (IST)

बुधवार दि॰ 23.08.17 भाद्रपद शुक्ल जेष्ठा नक्षत्र व्यापनी नवमी पर देवी जेष्ठा पूजन किया जाएगा। पद्मपुराण अनुसार दुर्भाग्य की देवी ज्येष्ठा यानि अलक्ष्मी ही लक्ष्मी की बड़ी बहन मानी जाती हैं इनकी उत्पत्ति भी समुद्र मंथन से हुई परंतु यह देवी लक्ष्मी के बिल्कुल विपरीत हैं। यह सदैव देवी लक्ष्मी के साथ ही रहती है और इनका निवास पीपल है। शास्त्रों ने इन्हे दरिद्रता, धूमवती व शीतला भी कहा है। यह अशुभ घटना, पाप, आलस, गरीबी, दुख, कुरूपता पर आधिपत्य रखती है। कौए पर सवार देवी जेष्ठा के पूजन से यह घर से दूर रहती है तथा जीवन से दुख दुर्भाग्य व दरिद्रता को दूर करती है। 

विशेष पूजन: पीपल को छूए बिना विधिवत पूजन करें, सरसों के तेल का दीप करें व तगर से धूप करें, सिर से नील से रंगे चावल, लौंग, राई व तिल वारकर पीपल पर चढ़ाएं। उड़द की खिचड़ी का भोग लगाएं। इसके बाद वहीं बैठकर इस मंत्र का यथा संभव जाप करें।

पूजन मुहूर्त: दिन 11:55 से दिन 12:20 तक। अथवा शाम 16:20 से 17:20 तक। 

पूजन मंत्र: ह्रीं श्रीं ज्येष्टालक्ष्मी स्वयमेव ह्रीं ज्येष्टायै नमः ॥

महूर्त विशेष
अभिजीत मुहूर्त:
नहीं है।

अमृत काल: शाम 16:01 से लेकर - शाम 17:49 तक।

यात्रा महूर्त: दिशाशूल - उत्तर। राहुकाल वास - नैऋत्य। अतः उत्तर व नैऋत्य दिशा की यात्रा टालें।

आज का गुडलक ज्ञान
गुडलक कलर: फ़ीरोजी।

गुडलक दिशा: पश्चिम।

गुडलक टाइम: शाम 19:27 से रात 20:52 तक।

गुडलक मंत्र: गं गणेश्वराय द्विजप्रियाय नमः॥

गुडलक टिप: अच्छी हैल्थ हेतु काली गाय को उड़द की खिचड़ी खिलाएं।

गुडलक फॉर बर्थडे: दारिद्रता से मुक्ति हेतु इस्तेमाल किया हुआ पूराना झाड़ू जला दें।

गुडलक फॉर एनिवर्सरी: दांपत्य विवाद मिटाने हेतु पीपल पर उड़द की खिचड़ी चढ़ाकर कौए को डालें।

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

 

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