रतलाम से 25 कि.मी दूर स्थित इस मंदिर के पास ये चट्टान है बेहद चमत्कारी

Thursday, Nov 05, 2020 - 04:55 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
भारत देश की बात करें तो यहां न केवल धार्मिक स्थल हैं, बल्कि ऐसी कई रहस्यमयी और अद्भुत जगहें हैं जो देश को खूबसूरत व प्रसिद्ध करने में अपना योगदान देती हैं। तो वहीं देश के अलग-अलग कोनों में बने पहाड़ व चट्टानें भी इस सूची में शामिल हैं। ये चट्टानें विशाल होने के साथ-साथ अपने साथ ऐसे रहस्य लिए हुए हैं जिस कारण . अद्भुत व प्रसिद्ध हासिल कर लेती हैं। जिस विशाल चट्टान के बारे में आज हम आपतो बताने जा रहे हैं वो रतलाम की एक पहाड़ी पर मौज़ूद है। जिसके बारे में सुनकर आप यकीकन इस सोच में पड़ सकते हैं तो क्या ये हकीकत है या फिर इससे जुड़े रहस्य का संबंध किसी प्रकार की दैवीय शक्ति से है।

दरअसल हम बात करें रहे हैं, रतलाम से लगभग 25 कि.मी दूर बोछा गांव में स्थित मां अंबे के शक्ति धाम की। जो सुदूर आंचल की ऊंची पहाड़ी पर विराजित हैं। इसे लेकर मान्यताएं प्रचलित हैं कि जो भी भक्त इस मंदिर के दर्शन करने जाता है उसकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी हो जाती हैं। खासतौर पर नवरात्रों में यहां अधिक भीड़ देखने को मिलती है। मंदिर के निर्माण को लेकर कहा जाता है कि सन् 1664 से भी पूर्व इस मंदिर की स्थापना की गई थी। लोक मत के अनुसार यहां गांव के ही प्रसिद्ध संत ने जिंदा समाधि ले ली थी। जिसके बाद इस क्षेत्र की मान्यता अधिक बढ़ गई। परंतु इन सब के अलावा एक और ऐसी बात जो आज तक चर्चा में है।

बताया जाता है यहां एक ऐसी चमत्कारी चट्टान है, जिसे पीटने पर घंटी की आवाज़ आती है। जिसे यहां के निवासी मां अंबे का चमत्कारी मानते हैं। मगर इससे भी बड़ी बात ये है कि इस अनोखे स्थान पर जाने के व्यक्ति को पहाड़ी चट्टानों और कांटों भरी झाड़ियों को पार करना पड़ता है। जो पार करना आसान नहीं है। पर जो पार करता है उसे कई तरह के दैविक चमत्कारों के दर्शन होते हैं।

चमत्कारी चट्टान को लेकर ग्रामीण लोगों द्वारा बताया जाता है कि यह चमत्कारी घंटी जैसी बजने वाली चट्टान यहां कब से है और इसकी खोज किसने की, इस राज को आज तक कोई नहीं जान पाया। आसपास के लोगों ने पहाड़ी पर मौज़ूद ऐसी सैकड़ों चट्टानों को ठोककर देखा है लेकिन ऐसी घंटी जैसी आवाज़ किसी में नहीं है। जिस कारण यह माना जाता है कि इस अनोखे पत्थर में दैविक शक्ति हैं, बहरहाल इस पत्थकर की पूजा की जाती है।

यहां के ग्रामीण इसे मां अम्बे का चमत्कार मानकर आज भी पूज रहे हैं। आसपास के क्षेत्रों में इस घंटी वाली चमत्कारी चट्टान की प्रसिद्धि भी बढ़ रही है, और ये स्थल आस्था का नया केंद्र बन चुका है।


 

Jyoti

Advertising