झीलों से होगी दिल्ली गुलजार, कई प्राकृतिक व कृत्रिम झीलों की सुधरेगी लाइफ लाइन

Saturday, Jun 04, 2022 - 09:48 AM (IST)

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Delhi will be buzzing with lakes:
जल ही जीवन है। प्यास बुझाने के लिए जल जितना आवश्यक है, उतना ही पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए भी जल जरूरी है। जल क्षेत्र वह भी शहर के बीच प्रदूषण को दूर करने के लिए बड़ी संख्या में होने चाहिए। दिल्ली की 20 झीलों का कायाकल्प किया जा रहा है। झीलों से दिल्ली गुलजार होगी। दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग व वेटलैंड अथॉरिटी द्वारा झीलों के संरक्षण व उसके सौंदर्यीकरण पर काम किया जा रहा है। पानी के स्त्रोत के साथ ही ये झीलें जलीय जीवन को लाभ पहुंचाएंगी और जलवायु को नियंत्रित करने में मदद करेंगी। प्रस्तुत है कुछ झीलों की झलक:-

नजफगढ़ झील
कभी दिल्ली में बहने वाली साहिबी नदी जो यमुना नदी में मिलती थी, इसे बाद में नजफगढ़ झील और वर्तमान में नजफगढ़ नाला कहा जाने लगा। इसमें अनाधिकृत कॉलोनियों की जलनिकासी कर दी गई, जिससे दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली की लाईफ लाईन कही जाने वाली झील आज गंदे नाले में तब्दील हो गई है। इसके दिन अब फिरेंगे और सूरत बदलेगी। 

भलस्वा झील
भलस्वा झील को किसी जमाने में देशी-विदेशी पक्षियों की मेजबानी करने के लिए जाना जाता था। खासकर जलपक्षी जैसे सारस व बत्तखों का यह प्रिय स्थान हुआ करता था। यह झील घोड़े की नाल के आकार की है। लेकिन बीते कई सालों में इसका आधा हिस्सा लैंडफिल क्षेत्र के रूप में इस्तेमाल किया गया, अब हाल सुधरने की आस है।

टिकरी खुर्द झील
टिकरी खुर्द गांव में बनी झील को टिकरी खुर्द झील कहा जाता है। यह एक प्राकृतिक झील है, जिसे बैल झील यानि यमुना नदी का एक चैनल भी कहा जाता है। यह इस गांव का  प्रमुख जल स्रोत हुआ करता था। क्षेत्रीय लोगों के लिए इसका खास महत्व है।  दिल्ली विकास प्राधिकरण इसकी देखरेख करता है।

संजय वन झील
संजय वन झील दक्षिणी दिल्ली में स्थित है, जिसका संरक्षण दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है। संजय वन में स्थित यह झील एक प्राकृतिक झील है, जोकि अनंगपाल तोमर द्वितीय के लालकोट की प्राचीर के समीप स्थित है। बताया जाता है कि यह झील कभी गांव के लोगों की रोजमर्रा की जल जरूरतों को भी पूरा कया करती थी।

धीरपुर झील
आजादपुर से यमुना नदी के वर्तमान तट तक दलदल के अवशेष फैले हुए थे। जोकि अब धीरपुर में देखने को मिलते हैं। धीरपुर झील को धीरपुर वेटलैंड कहा जाता है। हाल ही में धीरपुर की आर्द्रभूमि को बहाल करने का फैसला लिया गया था। यही नहीं डीडीए ने अंबेडकर विश्व विद्यालय के साथ एक प्रबंधन समझौता भी किया था।

कुछ कृत्रिम व ऐतिहासिक झीलों का भी होगा कायाकल्प
प्राकृतिक झीलों के साथ ही कुछ कृत्रिम झीलों का कायाकल्प भी दिल्ली सरकार द्वारा किया जाएगा। इनमें संजय लेक, हौजखास लेक, स्मृति वन कोंडली, स्मृति वन वसंत कुंज, वेलकम झील, डिस्ट्रिक पार्क अवंतिका सेक्टर 1 रोहिणी, राजौरी गार्डन लेक इत्यादि शामिल हैं।

Niyati Bhandari

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