थोड़ी सी सूझ-बूझ से टल गई मृत्यु जानें, जीने की कला का रहस्य

Friday, Jan 06, 2017 - 11:13 AM (IST)

बहुत पुरानी बात है। एक राजा था। वह बात-बात में फांसी की सजा का हुक्म दिया करता था। इस कारण लोग काफी परेशान थे और उस राजा के नाम से भयभीत रहा करते थे लेकिन उस राजा की एक खूबी भी थी और वह यह कि मरने वाले की हर अंतिम ख्वाहिश को जरूर पूरा करता था। 


एक बार की बात है, उसके मंत्री से कुछ गलती हो गई। राजा ने उसे भी फांसी पर लटकाने का हुक्म दे दिया। मंत्री के घर वालों को जब यह बात पता चली तो उनके घर मातम छा गया। फांसी का दिन नजदीक आ गया। फांसी वाले दिन राजा ने मंत्री से उसकी अंतिम ख्वाहिश पूछी। तब मंत्री बोला, ‘‘महाराज एक वर्ष के लिए आप अपना घोड़ा मुझे दे दीजिए।’’ 


राजा बहुत गुस्सा हुआ। 


वह बोला, ‘‘तुमको तो अभी फांसी पर लटकाना है और तुम हो कि एक वर्ष के लिए मेरा घोड़ा मांग रहे हो।’’


तब मंत्री बोला, ‘‘मेरे पास एक ऐसी गुप्त कला है जिसके सहारे मैं घोड़े को उडऩे वाला घोड़ा बना सकता हूं लेकिन यदि मैं मर गया तो यह गुप्त कला भी मेरे साथ चली जाएगी।’’ 


राजा ने सोचा, ‘‘चलो एक वर्ष की ही तो बात है।’’ 


अगर मेरा घोड़ा सचमुच उडऩे लगा तो मुझे काफी प्रसिद्धि मिलेगी लेकिन घोड़ा नहीं उड़ा तो एक वर्ष बाद तुम्हारी यह सजा बरकरार रहेगी।  जब मंत्री घर पहुंचा तो उसके परिजन उसे जिंदा देखकर बहुत खुश हुए। मंत्री की पत्नी ने पूछा, ‘‘यह सब कैसे हुआ?’’ 


पूरा घटनाक्रम जानने के बाद उसने सवाल किया कि एक वर्ष बाद क्या होगा।


तो मंत्री बोला, ‘‘एक वर्ष किसने देखा है। हो सकता है राजा युद्ध में लड़ते हुए मारा जाए। हो सकता है घोड़ा ही मर जाए। हो सकता है राजा ही अपना राज-पाट किसी अन्य राजा से हार जाए इसलिए जो आज है, उसे जियो। जीने की कला का सबसे बड़ा रहस्य यही है।’’

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