Dattatreya Jayanti: ब्रह्मा, विष्णु और महेश को प्रसन्न करने का सुनहरा अवसर है दत्तात्रेय जयंती

punjabkesari.in Saturday, Dec 14, 2024 - 02:38 PM (IST)

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Dattatreya Jayanti 2024: दत्तात्रेय जयंती हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान दत्तात्रेय के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात और दक्षिण भारत के कुछ अन्य हिस्सों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। दत्तात्रेय जयंती मार्गशीर्ष मास में मनाई जाती है। भगवान दत्तात्रेय को त्रिमूर्ति का रूप माना जाता है क्योंकि वे ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) के संयुक्त अवतार माने जाते हैं। वे एक महान योगी, संत और गुरु के रूप में प्रसिद्ध हैं। भगवान दत्तात्रेय के बारे में माना जाता है कि वे ज्ञान, ध्यान, तपस्या और भक्ति के प्रतीक हैं। भगवान दत्तात्रेय के चित्र में उनके साथ दो शिष्य दर्शाए जाते हैं, जिन्हें शिव जी और मां पार्वती माना जाता है।

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Form of Lord Dattatreya भगवान दत्तात्रेय का रूप: भगवान दत्तात्रेय का रूप त्रिदेवों का सम्मिलन है, जिसमें उनके पास तीन मुख होते हैं और वे तीनों देवताओं के गुणों को धारण करते हैं:
ब्रह्मा (सर्जक) - रचनात्मकता और सृजन के प्रतीक।
विष्णु (पालक) - पालन और समर्पण के प्रतीक।
शिव (संहारक) - विनाश और पुनर्निर्माण के प्रतीक।

Importance of Dattatreya Jayanti दत्तात्रेय जयंती का महत्व: दत्तात्रेय जयंती विशेष रूप से ज्ञान और साधना के महत्व को स्वीकारने का दिन है। इस रोज भक्त भगवान दत्तात्रेय की पूजा करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए साधना, ध्यान और तपस्या करते हैं। यह दिन विशेष रूप से गुरु की महिमा और महत्व को याद करने का दिन भी है क्योंकि भगवान दत्तात्रेय को 'गुरु' के रूप में पूजा जाता है। उनका आदर्श यह है कि जीवन में गुरु की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और बिना गुरु के किसी भी ज्ञान की प्राप्ति संभव नहीं है।

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How to Celebrate Dattatreya Jayanti कैसे मनाएं दत्तात्रेय जयंती:
पूजा और आराधना: इस दिन भगवान दत्तात्रेय का विधिपूर्वक पूजन किया जाता है। पूजा में उनके मंत्रों का जाप, दीप जलाना, फल, फूल और भोग अर्पित करना शामिल होता है।

Chant these mantras especially on Dattatreya Jayanti दत्तात्रेय जयंती पर विशेष रूप से करें इन मंत्रों का जाप: "ॐ दत्तात्रेयं नमः" या "ॐ हं दत्तात्रेया नमः" का जाप किया जाता है।

Dattatreya Jayanti fast दत्तात्रेय जयंती व्रत और उपवास: कई लोग इस दिन उपवासी रहते हैं और विशेष रूप से ज्ञान, भक्ति और साधना के लिए समय समर्पित करते हैं।

ध्यान और साधना: भगवान दत्तात्रेय के मंत्रों का जाप करते हुए ध्यान लगाना, उनके आशीर्वाद से जीवन में शांति और समृद्धि प्राप्त करने की कोशिश की जाती है।

दान और सेवा: इस दिन दान करना और दूसरों की मदद करना बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि भगवान दत्तात्रेय ने हमेशा दूसरों की सेवा और सहायता करने का उपदेश दिया है।

दत्तात्रेय जयंती एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान दत्तात्रेय के दिव्य गुणों, उनकी शिक्षाओं और उनके मार्गदर्शन को याद करने का अवसर प्रदान करता है। यह दिन विशेष रूप से गुरु की पूजा और आत्मिक उन्नति के लिए समर्पित होता है और यह श्रद्धालुओं को जीवन में सद्गुणों, ज्ञान और भक्ति की ओर प्रेरित करता है।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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