Darsha Amavasya: पितरों का आशीर्वाद दिलाएंगे ये काम, मनोकामनाएं होंगी पूरी

Wednesday, Mar 02, 2022 - 11:09 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ 

Darsha Amavasya: हिंदू पंचांग के अनुसार आज दर्श अमावस्या है। इस तिथि का आरंभ 2 मार्च की सुबह 1 बजे हो चुका है और समापन रात 11.04 बजे होगा। हिंदू शास्त्रों के अनुसार ये दिन बहुत महत्वपूर्ण और शुभ है। वैसे तो इस दिन व्रत करने का विधान है लेकिन हर किसी के लिए उपवास करना संभव नहीं होता। तो ऐसे में अपनी सामर्थ्य अनुसार दान करने से काफी पुण्य मिलता है। पितरों की पूजा और उनके निमित्त ब्राह्मणों को भोजन खिलाने और दक्षिणा देने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

वैसे तो गंगा स्नान का अमावस्या पर बहुत महात्म माना गया है लेकिन ये हर किसी के लिए संभव नहीं है तो ऐसे में गंगा जल पीना और उसका छिड़काव खुद पर एवं अपने घर में भी किया जा सकता है। इससे पर हर तरह की नकारात्मकता का नाश होता है। 

जिसकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो व हर काम में बाधाएं आती हैं, टेंशन, डिप्रेशन और मानसिक परेशानियां बनी रहती हैं। उन्हें   चन्द्रमा की पूजा अवश्य करनी चाहिए। चंद्र देव की कृपा से ये दोष काफी हद तक कम होने लगते हैं।

दर्श अमावस्या को श्राद्ध अमावस्या भी कहा जाता है। माना जाता है की इस दिन पूर्वज धरती पर आते हैं। उनके नाम पर तर्पण करने से सभी कार्यों में सफलता मिलनी आरंभ हो जाती है। रुके हुए कामों के मार्ग खुलने लगते हैं।

जीवन में सुख-समृद्धि के लिए शिव परिवार की पूजा करें। ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।

भाग्य को अपने हित में करने के लिए और जीवन में संघर्षों को कम करने हेतु चंद्र देव के बीज मंत्रों का जाप करें।

चंद्र देव का बीज मंत्र Chandra dev beej Mantra 
ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः 

ॐ सों सोमाय: नमः 

Niyati Bhandari

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