ये है स्वामी रामकृष्ण परमहंस की ‘कर्मभूमि’, जानिए किस नाम से है प्रसिद्ध

Sunday, Mar 06, 2022 - 11:56 AM (IST)

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दक्षिणेश्वर काली मंदिर कोलकाता में हुगली नदी के किनारे स्थित एक ऐतिहासिक हिन्दू मंदिर है। इस मंदिर की मुख्य देवी भवतारिणी हैं जो देवी काली माता ही हैं। इसे 1855 ईस्वी में जान बाजार की रानी रासमणि ने बनवाया था।

यह मंदिर प्रख्यात दार्शनिक एवं धर्मगुरु, स्वामी रामकृष्ण परमहंस की कर्मभूमि रही है जोकि रामकृष्ण मिशन के संस्थापक स्वामी विवेकानंद के गुरु थे। स्वामी राम कृष्ण परमहंस ने इसी मंदिर को अपनी साधनास्थली बना लिया। यह मंदिर 25 एकड़ क्षेत्र में स्थित है।

कोणार्क सूर्य मंदिर
कोणार्क सूर्य मंदिर भारत में ओडिशा राज्य में जगन्नाथ पुरी से 35 कि.मी. उत्तर पूर्व में कोणार्क  नामक शहर में प्रतिष्ठित है। यह भारत वर्ष के चुङ्क्षनदा सूर्य मंदिरों में से एक है। यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी है।

यह मंदिर सूर्यदेव को ही समर्पित है जिन्हें लोग बिरंचि नारायण कहते थे। कोणार्क  शब्द ‘कोण’ तथा ‘अर्क’ शब्दों के मेल से बना है। अर्क का अर्थ होता है सूर्य जबकि कोण से अभिप्राय कोने या किनारे से रहा होगा।

श्री शांता दुर्गा मंदिर
श्री शांता दुर्गा मंदिर पणजी (गोवा) से 30 कि.मी. दूर कवलम गांव की तलहटी में स्थित है। यह मंदिर देवी पार्वती को समॢपत है जिन्होंने भगवान शिव और भगवान विष्णु के बीच हुए युद्ध में मध्यस्थता की थी। शांता दुर्गा ने अपने दाहिने हाथ में विष्णु और अपने बाएं हाथ में शिव को रखा और युद्ध को सुलझा लिया। शांता दुर्गा के हाथ में 2 नाग हैं जो भगवान विष्णु और शिव का प्रतिनिधित्व करते हैं। मूल मंदिर को पुर्तगालियों ने 1566 में नष्ट कर दिया था।


 

Jyoti

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