महाराष्ट्र के दही-हांडी समूह इस बार नहीं बनाएंगे मानव शृंखलाएं

Wednesday, Aug 12, 2020 - 10:20 AM (IST)

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मुम्बई (प.स.):
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर महाराष्ट्र में कई ‘दही-हांडी’ समूहों ने बुधवार को जन्माष्टमी का त्यौहार सादगी से और बिना मानव शृंखला के मनाने का फैसला किया है।

दही-हांडी उत्सव समन्वय समिति के प्रमुख बाला पडेलकर ने कहा कि दही-हांडी इस बार केवल प्रतीकात्मक रूप से फोड़ी जाएगी। इस समिति के  राज्य में 950 से अधिक मंडल हैं। 

बता दें हर साल कृष्ण जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर देश के बहुत से हिस्सो में या यूं कहें लगभग हर जगह दही हांडी की पंरपरा मनाई जाती है। ये दही-हांडी एक भारतीय त्यौहार है। जो हर वर्ष अगस्त महीने में मनाया जाता है। कुछ लोग ज्यादातर यूवक इकट्ठे होकर एक मानव पिरामिड जैसा बनाते हैं इसके पश्चात एक ऊपर दही से भरी हांडी लटकी होती है, उसे फोड़ते हैं। इस त्योहार के भागीदारों को गोविंदा कहा जाता है।

Jyoti

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