D Alphabet 2025 Horoscope: D नाम वालों वर्ष 2025 में होने वाला है कुछ बड़ा
punjabkesari.in Saturday, Aug 17, 2024 - 11:52 AM (IST)
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D Alphabet 2025 Horoscope: 2024 आधा बीत चुका है और सब लोग 2025 को जानने के लिए काफी उत्सुक हैं। बहुत सारे जातक ऐसे होते हैं जिन्हें अपनी राशि के बारे में नहीं पता। आज बात करेंगे कि D नाम वालों के लिए 2025 कैसा रहने वाला है और क्या है उनकी राशि ?
2025 का साल सामान्य नहीं है। यह मंगल का साल है। दो और दो चार और पांच नौ बनते हैं और नौ मंगल का नंबर है। मंगल का नंबर होने के कारण इस साल लोगों में एनर्जी बहुत रहेगी। यह मंगल का प्रभाव नंबर का रहेगा। दूसरा इस साल एक बड़ी घटना भी होने जा रही है। एस्ट्रोलॉजी के लिहाज से देखें तो गुरु, शनि, राहु और केतु बड़े ग्रह जो होते हैं क्योंकि गुरु साल बाद और शनि ढाई साल बाद राशि परिवर्तन करते हैं। राहु, केतु का गोचर डेढ़ साल बाद होता है। लेकिन यह बहुत ही कम देखने को मिलता है किन चारों ग्रह एक ही साल में राशि परिवर्तन करें। अब साल 2025 में ऐसा होने जा रहा है, यह चारों ही ग्रह ही राशि परिवर्तन करेंगे।तो आइए देखते इसका आपके ऊपक क्या असर पड़ेगा।
यदि आपका नाम D से शुरू होता है तो आपका नाम पुष्य नक्षत्र के आखिरी चरण में हुआ है या अश्लेषा नक्षत्र के आखिरी चरण में हुआ है। कर्क राशि के जातकों के लिए कुंड़ली देखना बहुत जरूरी है। पहले चार महीने गुरु आपकी कुंडली में 11वें भाव से ही राशि परिवर्तन करेंगे। गुरु का गोचर इस समय वृषभ राशि में हो रहा है। इसलिए 11वें भाव में गुरु नजर आ रहे हैं, तो इसका आपको डेफिनेटली पहले चार महीने बहुत अच्छा परिणाम मिलेगा। 15 मई को लगभग यह गोचर होगा और गुरु आपके 12वें भाव में आएंगे। कर्क राशि के जातकों के लिए पहले चार महीने में शादी और संतान के योग बने हुए हैं क्योंकि गुरु की दृष्टि जब यहां से जाती है, तो गुरु पंचम दृष्टि से तीसरे भाव को देखते हैं। सप्तम दृष्टि सीधी संतान वाले भाव पर जाती है और 9वीं दृष्टि आपके 7वें भाव के ऊपर चली जाती है। जब गुरु के यह तीनों भाव एक्टिव हैं तो आपको गुरु की ब्लेसिंग जरूर मिलेगी। गुरु ब्लेसिंग्स के कारक और शनि समय के कारक होते हैं।
1 जनवरी के दिन गुरु का गोचर हो रहा है बारहवें भाव में। गुरु बारहवें भाव में गोचर करेंगे। ये आय और धन स्थान के भी कारक होते हैं। गुरु की तीन दृष्टियां होती हैं। आपके आठ भावों के ऊपर गुरु का प्रभाव रहता है। गुरु का गोचर होने जा रहा है। गुरु आपकी कुंडली में चंद्रमा के ऊपर से गोचर कर रहे हैं। 15 मई से शनि आपकी कुंडली में गोचर करना शुरू कर देंगे। दसवें भाव में शनि का गोचर होगा। शनि आपकी कुंडली में नौवें भाव में गोचर कर रहे हैं। दसवें भाव में राहु का गोचर हो रहा है। चौथे भाव में केतु का गोचर हो रहा है। शनि गोचर करेंगे 29 मार्च को। गुरु का गोचर 15 मई को हो रहा है। राहु और केतु का गोचर आपके लिए ठीक-ठाक रहेगा। राहु आपकी कुंडली में दशम भाव में गोचर कर रहे हैं। एक घर में राहु शुभ होते हैं और दूसरे घर में केतु शुभ होते हैं। केतु तीसरे भाव में आ जाएंगे। शनि का गोचर दशम भाव में आ जाएगा। गुरु का गोचर आपके लिए ठीक-ठाक हो जाएगा। गुरु बारहवें भाव में आ जाएंगे। गुरु केंद्र में आ जाएंगे और शनि दशम में आएंगे। केतु का तीसरे भाव का गोचर आपके लिए शुभ हो जाएगा। 15 मई के बाद जब गुरु केंद्र में आएंगे तो आपको पंचम भाव से शुभ फल मिलेंगे। गुरु की दृष्टि आपके पंचम भाव के ऊपर जा रही है। संतान पक्ष की तरफ से आपको खुशखबरी सुनने को मिलेगी। यदि आप स्टूडेंट हैं तो आप आगे पढ़ने के लिए घर से दूर जाएंगे। संतान प्राप्ति होने की भी सम्भावना है। पार्टनर के साथ आपका तालमेल बना रहेगा। यदि शादी नहीं हुई है तो आपकी शादी होने की सम्भावना है। गुरु की एक दृष्टि नौवें भाव के ऊपर जा रही है। 15 मई बाद जो भी कार्य करेंगे उसमें आपको फायदा देखने को मिलेगा। भाग्य का आपको साथ मिलेगा। 15 मई के बाद आपको हर काम में बढ़िया परिणाम मिलेंगे। जब 29 मार्च को शनि राशि परिवर्तन करेंगे तो वो आपकी कुंडली में आ जाएंगे दशम स्थान पे। यहां पर पहले से ही राहु का गोचर हो रहा है। शनि और राहु दोनों दशम भाव में आ जाएंगे। ये युति 29 मार्च से 29 मई तक रहेगी। कारोबार में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
यदि आपकी नौकरी है तो उसमें भी आपको चेलेंज का सामना करना पड़ सकता है। शनि और राहु इस भाव को डिस्टर्ब कर रहे हैं। यह समय सही नहीं है, आपको थोड़ा ज्यादा ध्यान रखने की जरुरत है। कारोबार के अलावा कोई दिक्कत वाली बात नहीं है। अगर कोई प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं तो उसमें भी आपको अड़चनों का सामना करना पड़ेगा। चौथा भाव तीन पाप ग्रहों के प्रभाव में रहेगा। मानसिक शांति भंग हो सकती है। जिनकी उम्र 25 से 45 के बीच है वो लोग शनि की महादशा से गुजर रहे हैं। शनि आपकी कुंडली में मित्र ग्रह होते हैं। शनि की मूलत्रिकोण राशि कुम्भ वो आपके भाग्य स्थान में आ जाती है। शनि केतु से पीड़ित हैं इसलिए भी आपको परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। केतु आपके लिए शुभ गोचर में रहेंगे। केतु तीसरे भाव में बैठकर भाग्य स्थान को एक्टिव करेंगे। गुरु ने भाग्य स्थान को एक्टिव कर देंगे । अगले सात महीने आपका ध्यान अध्यात्म की और बढ़ सकता है। केतु ग्यारहवें भाव को देखेंगे। इसका मतलब आपकी तरक्की होने की सम्भावना बढ़ रही है। आय में भी वृद्धि देखने को मिलेगी। केतु और गुरु की दृष्टि आपके सप्तम भाव के ऊपर रहेगी। पार्टनर के साथ मन-मुटाव हो सकता है लेकिन कोई बहुत ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। जिनकी शादी नहीं हुई है उनकी शादी होने की सम्भावना है। शनि जब दशम भाव में रहते हैं तो सप्तम भाव को देखते हैं। शनि की एक दृष्टि बारहवें भाव के ऊपर है। शनि के परिवर्तन के कारण अपने खर्चे बढ़ सकते हैं।
शनि के बुरे प्रभावों से बचने के लिए ॐ शं शनैश्चराय नमः का जाप करें।
शनिवार के दिन शनि देव को तेल अर्पित करें।
जरूरतमंदों की मदद करें।
बुध को सही करने के लिए एक पेड़ अवश्य लगाएं।
नरेश कुमार
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