COVID 19: 30 मार्च, 2020 के बाद भारत को काफी राहत महसूस होगी

Saturday, Mar 21, 2020 - 08:53 AM (IST)

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जालंधर(धवन): राहु का आर्द्रा नक्षत्र में लगभग 18-19 वर्षों बाद प्रवेश होता है तथा जब-जब राहु ने आर्द्रा नक्षत्र में संचार किया तो विश्व में कोई न कोई बड़ी घटना, महामारी या आर्थिक स्थिति को भारी धक्का लगा है। इस संबंध में ज्योतिषाचार्य संजय चौधरी का मानना है कि 18-19 वर्ष पहले भी राहु ने इसी तरह से आर्द्रा नक्षत्र में अगस्त 2001 से लेकर अप्रैल 2002 तक संचार किया था। उस समय अमरीका में 9/11 आतंकी हमला हुआ था और साथ ही विश्व की अर्थव्यवस्था को भारी धक्का पहुंचा था, जैसे कि मौजूदा समय में विश्व भर में आर्थिक बाजारों में हाहाकार मची हुई है। 

उन्होंने कहा कि आर्द्रा को 27 नक्षत्रों में छठा नक्षत्र माना जाता है, जिसका वैदिक ज्योतिष में काफी महत्व है। आर्द्रा नक्षत्र के साथ जो सिम्बल चिन्हित हैं, वे आंसू तथा डायमंड से संबंधित हैं। आर्द्रा का अर्थ परिवर्तन तथा पुननिर्माण भी है। आर्द्रा नक्षत्र के स्वामी के रूप में रूद्र को लिया जाता है, जोकि भगवान शंकर को इंगित करते हैं। जब भी भगवान शंकर रूद्र के रूप में परिवर्तित होते हैं तो बड़े पैमाने पर विनाश होता है तथा उसके बाद निर्माण की नई प्रक्रिया शुरू होती है।

उन्होंने कहा कि अब राहु आर्द्रा नक्षत्र में संचार कर रहे हैं। हिन्दू मुंडेन ज्योतिष के अनुसार यह संचार लगभग 18 वर्षों बाद हो रहा है। आर्द्रा नक्षत्र में राहु के प्रवेश के बाद धनु राशि में ग्रहण लगे, जिसका असर भी सामने आ रहा है। 2001-02 के दौरान भी भारतीय अर्थव्यवस्था में अप्रत्याशित धीमापन आ गया था। गुजरात दंगे भी 2002 में हुए थे। 

उन्होंने बताया कि इस बार राहु का आर्द्रा नक्षत्र में संचार 11 सितम्बर 2019 से शुरू हुआ तथा यह 22 मई 2020 तक चलेगा। दूसरी तरफ भारत को चंद्रमा महादशा में शनि की अन्तरदशा 2 दिसम्बर 2019 से चल रही है। जोकि सरकार के सामने मानसिक रूप से चिन्ताएं पैदा कर रही हैं परन्तु शनि चूंकि वृष लगन के लिए योगकारक है, इसलिए इस महामारी में वह भारत को सुरक्षित रखेगा।

30 मार्च 2020 को बृहस्पति भारत की कुंडली में भाग्य भाव अर्थात 9वें भाव में आ जाएंगे, जिससे भारत को काफी राहत महसूस हो सकती है। उन्होंने कहा कि राहु के संचार को अगर सही अर्थों में लिया जाए तो एक निर्माण या नई चीजों के अविष्कार को यह जन्म देगा, जिससे अंतत: मानवता का भला होगा। उन्होंने माना कि यह वर्ष आर्थिक तौर पर उतार-चढ़ाव भरा रह सकता है परन्तु 2021 व 2022 वर्ष आर्थिक तौर पर देश के लिए अनुकूल सिद्ध होंगे। 

Niyati Bhandari

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