Coronavirus: रेस्टोरेंट या होटल में भोजन करना कितना Safe

Thursday, Jul 09, 2020 - 12:38 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Coronavirus: आज हर तरफ नॉवेल कोरोना वायरस की ही बातें हो रही हैं। इस खतरनाक वायरस से कैसा बचा जाए, यही चर्चाएं चल रही हैं। जब ये वायरस इतनी तेजी से फैल रहा है तो ऐसे में रेस्टोरेंट या होटल में भोजन करना कितना सुरक्षित है ? वैसे इसका संक्रमण हवा के जरिए नहीं बल्कि सरफेस के माध्यम से फैल रहा है। जब आप भोजन के लिए बाहर जाएंगे तो हाइजीन की कमी या लापरवाही से संक्रमित व्यक्ति आपके कांटेक्ट में आ सकता है। होटल के फर्नीचर, दरवाजे या बर्तनों पर संक्रमण हो सकता है। जो आपको अपनी लपेट में ले सकता है। यदि बाहर भोजन करना मजबूरी हो तो हाई क्वालिटी और हाइजीन का खास ध्यान रखें। 

कोरोना वायरस से बचने के लिए विद्वानों द्वारा बताई गई इन दो बातों का ध्यान रखें पहले टी.वी. देखते हुए भोजन न करें। दो, अखबार पढ़ते हुए चाय न पिएं। आज के जीवन में ये दो जबरदस्त बुराइयां हैं। आप इन्हें अविलम्ब सुधार लें क्योंकि जब आप टी.वी. देखते हुए खाना खाते हैं और अखबार पढ़ते हुए चाय पीते हैं, तो आप सिर्फ खाना और चाय नहीं खाते-पीते, बल्कि उस टी.वी. और अखबार में जो हिंसा, अशीलता और भ्रष्टाचार की खबरें होती हैं, उन्हें भी खा-पी जाते हैं। फिर वे खबरें आपको अपने से बे-खबर कर देती हैं। अगर आम आदमी अपनी ये दो आदतें सुधार ले तो पूरे समाज और देश की आबो-हवा बदल सकती है।

सनातन मान्यताओं के अनुसार भोजन में सात्विकता को सबसे अनिवार्य अंग कहा गया है। भोजन शुद्धता के साथ बना होना चाहिए। उसमें निर्मल जल और ताजी हवा का समावेश भी होना चाहिए। अगर ये तीनों भोजन में उपस्थित हों तो इम्यूनिटी स्ट्रांग होती है और व्यक्ति लंबी आयु भोगता है।

शास्त्र कहते हैं भोजन खाने से पहले अपने दोनों हाथ, दोनों पैर और मुंह को अच्छी तरह साफ-स्वच्छ करें। भोजन की थाली को प्रणाम करें और मन ही मन भगवान का धन्यवाद करें।

वास्तु के अनुसार पूर्व और उत्तर दिशा की ओर मुंह करके प्रसन्न तन और मन से भोजन करें। वैसे तो मौन रह कर ही खाना खाएं संभव न हो बोलना जरुरी हो तो केवल सकारात्मक बातें ही करें। जो माहौल को खुशनुमा रखने में मदद करें। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। परिवार के सदस्यों में जितना भी प्यर हो, एक-दूसरे का जूठा भोजन न खाएं। इससे न केवल स्वास्थ्य प्रभावित होता है बल्कि भाग्य भी प्रभावित होता है।


 

Niyati Bhandari

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